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    May 6, 2025

    बापरे! एक्स रे से पता चली नई घातक महामारी; चीन के बाद भारत में फैला?

    1 min read
    😊

    चीन का रहस्यमयी निमोनिया: 5 से 10 साल के बीच बच्चों का इम्यून सिस्टम विकसित हो रहा होता है।
    चीन रहस्यमय निमोनिया: कोरोना महामारी से उबरने में पूरी दुनिया को तीन साल लग गए। इसके बावजूद यह महामारी अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। इसी बीच वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ाने वाले एक और संक्रमण ने सबकी जान ले ली है.

    इधर दुनिया कोरोना से उबर रही है, वहीं एक रहस्यमयी बीमारी के सिर उठाने की चर्चा हो रही है. चीन ही नहीं, बल्कि अब इस संक्रमण का प्रसार पूरी दुनिया में देखा जा रहा है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि चीन के बाद निमोनिया का यह रहस्यमयी संक्रमण अमेरिका में भी फैल गया है। चीन में इस वायरल संक्रमण को फिलहाल ‘रहस्यमय वायरस’ कहा जा रहा है। भले ही भारत में संक्रमित मरीजों की संख्या अपेक्षाकृत कम है या उनमें कोई गंभीर लक्षण नहीं पाए गए हैं, फिर भी नागरिकों से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने का आग्रह किया जा रहा है।
    विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस संक्रमण को ‘व्हाइट लंग सिंड्रोम’ नाम दिया है। यह भयावह तथ्य अब सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत किया जा रहा है कि यह संक्रमण धीरे-धीरे पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रहा है और इसका खतरा सबसे अधिक बच्चों पर है। एक चौंकाने वाले अवलोकन से पता चला है कि इस संक्रमण के लिए ‘माइकोप्लाज्मा निमोनिया बैक्टीरिया’ जिम्मेदार है। एक्स-रे से इस संक्रमण का डरावना रूप सामने आया है और अब स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भी बुरी तरह जाग उठी हैं.

    क्या लक्षण हैं?
    उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, एक्स-रे लेने के बाद रिपोर्ट में आमतौर पर फेफड़े काले रंग में नजर आते हैं। लेकिन, इस वायरस के संक्रमण से फेफड़ों का रंग सफेद दिखाई देता है, इस बीमारी को व्हाइट लंग सिंड्रोम नाम मिला है। इस संक्रमण के लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ, लगातार सीने में दर्द, लगातार थकान, सर्दी-खांसी, हल्का बुखार, ठंड लगना और अन्य लक्षण शामिल हैं।
    बच्चों में इस संक्रमण की दर अपेक्षाकृत अधिक होने का कारण उनकी कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली है। 5 से 10 साल की उम्र के बीच बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित हो रही होती है। इस दौरान अगर कोई वायरस संक्रमित हो जाए तो शरीर पर गंभीर प्रभाव डालता है। कोरोना की तरह ही इस संक्रमण को रोकने के लिए कुछ निवारक उपायों की योजना बनाना आवश्यक है। इन उपायों में हाथ धोना, बुखार, सर्दी होने पर डॉक्टर से परामर्श लेना और मास्क पहनना शामिल है।

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