Banking: सरकारी बैंकों को ग्राहक सेवा में बहुत तेज रहने की जरूरत, संसदीय समिति ने रिपोर्ट में कही ये बात।
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Banking: संसदीय समिति ने बैंकों पर बढ़ते कार्यभार का हवाला देते हुए यह बात कही। समिति ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि बैंकरों के काम की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए भर्ती परीक्षा की बनावट को भी समय-समय पर बदलने की जरूरत है, ताकि सही उम्मीदवारों का चयन किया जा सके।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में ग्राहक सेवा के लिहाज से बैंकों को बहुत तेज बनाने की बात कही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को नयी तकनीक को समय से अपनाने के साथ ही ग्राहक सेवा में बहुत तेज रहना होगा।
संसदीय समिति ने बैंकों पर बढ़ते कार्यभार का हवाला देते हुए यह बात कही। समिति ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि बैंकरों के काम की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए भर्ती परीक्षा की बनावट को भी समय-समय पर बदलने की जरूरत है, ताकि सही उम्मीदवारों का चयन किया जा सके।
कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर संसद की स्थायी समिति ने कहा, ‘बैंकरों के लिए जरूरी गति और सटीकता की परिभाषा समय-समय पर बदलती रहती है। लगभग 10 साल पहले कार्यभार और कार्य की प्रकृति को देखते हुए शायद ऐसी गति या सटीकता की जरूरत नहीं थी।’
समिति ने आगे कहा, “…लेकिन आज बैंक कर्मचारी सैकड़ों केंद्रीय और राज्य सरकारों की योजनाओं को लागू कर रहे हैं और सरकार की गरीब-समर्थक योजनाओं की प्रकृति को देखते हुए गति और सटीकता बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।”
समिति ने इस बात पर जोर दिया कि आजकल इस्तेमाल की जा रही तकनीक के कारण, चाहे वह ई-बैंकिंग हो या ऑनलाइन बैंकिंग, बैंक कर्मचारियों को ग्राहक सेवा में बहुत तेज होना होगा। साथ ही उन्हें तकनीक को भी तेजी से अपनाना होगा।
सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने कहा कि वह यह जानना चाहती है कि वर्तमान बदलते परिदृश्य की जरूरतों को पूरा करने और उसके साथ तालमेल बनाए रखने के लिए भर्ती परीक्षा का पाठ्यक्रम और इसके दिशानिर्देश कैसे तैयार किए जा रहे हैं।
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