कथित फर्जी विदेशी मुद्रा व्यापार मामले में 170 करोड़ रुपये की बैंक जमा राशि फ्रीज, ईडी की कार्रवाई।
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हिमाचल प्रदेश पुलिस ने क्यूएफएक्स कंपनी के खिलाफ दर्ज कई एफआईआर के जरिए वित्तीय अनियमितताओं के मामले की जांच शुरू कर दी है।
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को कहा कि उसने कथित फर्जी विदेशी मुद्रा व्यापार और जमा योजना के प्रमोटरों के परिसरों पर छापेमारी के बाद 170 करोड़ रुपये की बैंक जमा राशि फ्रीज कर दी है। क्यूएफएक्स ट्रेड लिमिटेड और इसके निदेशकों राजेंद्र सूद, विनीत कुमार और संतोष कुमार के साथ-साथ मुख्य मास्टरमाइंड नवाब अली उर्फ लविश चौधरी के खिलाफ जांच के तहत 11 फरवरी को दिल्ली, उत्तर प्रदेश के नोएडा और हरियाणा के शामली, रोहतक के विभिन्न इलाकों में छापे मारे गए थे।
हिमाचल प्रदेश पुलिस ने क्यूएफएक्स कंपनी के खिलाफ दर्ज कई एफआईआर के जरिए वित्तीय अनियमितताओं के मामले की जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि फर्जी ‘विदेशी मुद्रा व्यापार’ योजना के जरिए कई निवेशकों को ठगा गया। ईडी ने आरोप लगाया है कि कंपनी ‘क्यूएफएक्स’ और उसके निदेशक एक अनियमित जमा योजना चला रहे हैं, जिसमें निवेशकों को निवेश पर उच्च रिटर्न का वादा किया गया था।
ईडी के अनुसार, ‘क्यूएफएक्स’ समूह की कंपनियों के दलालों ने ‘क्यूएफएक्स’ के नाम पर ‘मल्टी-लेवल मार्केटिंग’ (एमएलएम) योजना शुरू करके और विदेशी मुद्रा व्यापार के नाम पर उच्च रिटर्न का वादा करके निवेशकों को आकर्षित करने के लिए वेबसाइट, ऐप और सोशल मीडिया विज्ञापन बनाए।
पुलिस में एफआईआर दर्ज करने के बाद ईडी को पता चला कि ‘क्यूएफएक्स’ योजना का नाम बदलकर ‘वाईएफएक्स’ (यॉर्कर एफएक्स) कर दिया गया था और उच्च रिटर्न का लालच देकर निर्दोष निवेशकों को ठगने के लिए उसी पद्धति का इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद कई योजनाएं ‘क्यूएफएक्स’ के माध्यम से चलाई जाने लगीं और उन पर लविश चौधरी का नियंत्रण था। ईडी ने पाया कि अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कुछ कार्यक्रम भारत के साथ-साथ दुबई में भी आयोजित किए गए थे।
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