बांग्लादेश की नई सरकार ने 53 साल बाद बोले मीठे बोल, क्या माफी मांगेगा पाकिस्तान?
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बांग्लादेश अपने सबसे कट्टर दुश्मन पाकिस्तान से अब दोस्ती करना चाहता है. और 53 साल पुराने विवाद को खत्म करना चाहता है, इसके लिए बांग्लादेश के मंत्री ने दोस्ती के लिए हाथ भी बढ़ा दिया है, बयान भी दे दिया है, अब सवाल है कि क्या पाकिस्तान बांग्लादेश की उस जिद को मानेगा, जिसमें उसे माफी मांगना था, आइए जानते हैं पूरा मामला.
पड़ोसी देश बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद मोहम्मद यूनुस के हाथों अंतरिम सरकार की कमान सौंपी गई. जिसके बाद से ही बांग्लादेश अपने ऐतिहासिक नीति को बदलने में लगा है. जिसमें पाकिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करने का प्रयास भी शामिल है, जो कि लंबे समय से उसका प्रतिद्वंद्वी रहा है. लेकिन नई सरकार पाकिस्तान के साथ रिश्ते मजबूत करने पर जोर दे रही है. हाल ही में अंतरिम सरकार में शामिल मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश चाहता है कि पाकिस्तान के साथ 1971 युद्ध के मुद्दे को सुलझाया जाए. खास बात है कि 1971 के युद्ध के बाद ही बांग्लादेश का जन्म हुआ था. अंतरिम मंत्री की तरफ से बयान ऐसे समय पर सामने आया है, जब मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली सरकार के कई बड़े सदस्यों ने पाकिस्तान के बांग्लादेश में उच्चायुक्त सैयद अहमद मारूफ से मुलाकातें की हैं.
बांग्लादेश मंत्री ने दोस्ती का बढ़ाया हाथ
अंतरिम सरकार के प्रसारण और आईटी मंत्री नाहिद इस्लाम ने ढाका में पाकिस्तानी राजदूत के साथ बैठक की और कहा ‘बांग्लादेश पाकिस्तान के साथ 1971 के मुक्ति संग्राम के मुद्दे को सुलझाना चाहता है और एक लोकतांत्रिक दक्षिण एशिया सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना चाहता है’. हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, नाहिद के दफ्तर से जारी आधिकारीक बयान में कहा गया है कि मारूफ ने कहा कि पाकिस्तान 1971 के सवाल को सुलझाना चाहता है मारूफ का कहना था, ‘पिछली सरकार ने हमें चर्चा का कोई मौका नहीं दिया और 1971 के मुद्दे को जीवित रखा’’
कौन हैं नाहिद इस्लाम?
नाहिद इस्लाम 26 वर्षीय छात्र कार्यकर्ता हैं. नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में सूचना और प्रसारण के सलाहकार के रूप में वह कार्य कर रहे हैं.
क्या हुआ था 1971 में?
इस्लाम ने जवाब में कहा कि 1971 बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. उन्होंने आगे कहा, ‘अवामी लीग के अनुसार, 1971 इतिहास का अंतिम अध्याय था. लेकिन हमें लगता है कि यह इतिहास की निरंतरता है.’ 1971 का मुक्ति संग्राम तत्कालीन पश्चिमी पाकिस्तान के दमनकारी शासन से मुक्त होने के लिए बांग्लादेश के संघर्ष का प्रतीक था, और पाकिस्तानी सेना पर व्यापक अत्याचारों का आरोप लगाया गया था, जिसके परिणामस्वरूप, कुछ रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 30 लाख लोगों की मौत हुई थी.
बांग्लादेश करता रहा है माफी की मांग
बांग्लादेश लंबे समय से पाकिस्तान से इन कार्रवाइयों के लिए माफी की मांग करता रहा है और नरसंहार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता देने पर जोर देता रहा है. पिछले 53 सालों में संबंधों में आए उतार-चढ़ाव के बावजूद इस मुद्दे का कोई समाधान नहीं निकल पाया है.
शेख हसीना के कार्यकाल में पाकिस्तान की नहीं गली दाल?
पूर्व पीएम शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच संबंध सबसे खराब स्थिति में थे. खासकर तब जब उन्होंने बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के कई नेताओं पर 1971 के युद्ध अपराध के आरोप लगाए थे.
अब नई सरकार कर रही नए रिश्तों की आगाज
ढाका में पाकिस्तानी अधिकारी से बातचीत के दौरान अंतरिम मंत्री नाहिद इस्लाम ने दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध और 1971 के प्रश्न को सुलझाने की बात कही है. शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के संबंध ठंडे बने रहे. अब दोनेें देशों के बीच क्या गुल खिलेगा यह देखने की बात होगी, क्या बांग्लादेश की मांग मानेगा पाकिस्तान, मांगेगा माफी या निकलेगा कोई और दूसरा रास्ता, यह अब समय बताएगा.
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