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    April 23, 2025

    बेंगलुरु जल संकट: बेंगलुरु में कार धोने, पेड़ों को पानी देने पर प्रतिबंध! देश के ‘आईटी हब’ में क्यों है पानी की कमी?

    1 min read
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    भारत की सिलिकॉन वैली के नाम से मशहूर शहर बेंगलुरु इस समय पानी की भारी कमी से जूझ रहा है।

    भारत की सिलिकॉन वैली के नाम से मशहूर शहर बेंगलुरु इस समय पानी की भारी कमी से जूझ रहा है। इसके चलते शहर में कार धोने, बगीचे में पेड़ों को पानी देने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस आदेश का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा. इसी पानी की कमी के कारण बेंगलुरु शहर की चर्चा इस वक्त देशभर में हो रही है। साथ ही यह मुद्दा आगामी लोकसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बन सकता है.

    करीब डेढ़ करोड़ की आबादी वाली कर्नाटक की राजधानी के लिए 145 करोड़ लीटर पानी 95 किलोमीटर दूर से कावेरी नदी से लाया जाता है. समुद्र तल से 3000 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस शहर को बोरवेल के जरिए 60 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है।

    बेंगलुरु में पानी की इतनी गंभीर कमी का कारण शहर में गिरता भूजल स्तर है। उत्तर पश्चिमी मॉनसून और उत्तर-पूर्वी मॉनसून में बारिश कम होने के कारण शहर में भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है।

    बेंगलुरु में पानी की कमी से 110 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इन गांवों को हाल ही में बेंगलुरु शहर में शामिल किया गया है। साथ ही साउथ बेंगलुरु की कॉलोनियों और बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोगों को अलग जीवनशैली अपनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

    भारत के सबसे ठंडे शहरों में से एक बेंगलुरु में तापमान बढ़ने और लू लगने का खतरा होने की भविष्यवाणी मौसम विभाग ने की है। इससे मौजूदा जल संकट से नागरिकों को और अधिक परेशानी होगी.

    पानी की कमी क्यों थी?
    रिपोर्ट के मुताबिक, पानी की इस कमी से सबसे ज्यादा प्रभावित वे गांव हैं जिन्हें 2007 में बेंगलुरु शहर में मिला दिया गया था। इनमें से कई गांवों को कावेरी पेयजल योजना के चरण 4 के तहत पानी मिलता है।

    बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड इलाके के एक निवासी ने बताया कि महादेवपुरा को कावेरी चरण-4 परियोजना के तहत 3.5 करोड़ लीटर पानी मिलता है, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक, 2013 से हर दिन महादेवपुरा में 1000 नए लोग रहने आ रहे हैं।

    इन नए आगमन को समायोजित करने के लिए बहुमंजिला इमारतें बनाई जाती हैं, लेकिन पानी की आपूर्ति उस हिसाब से नहीं बढ़ती है। पानी की कमी को पूरा करने के लिए टैंकर मंगाए जा रहे हैं। साथ ही बारिश की कमी के कारण बेंगलुरु शहर में भूजल स्तर भी काफी नीचे चला गया है. साथ ही शहर की अधिकांश झीलें भी सूख गयी हैं.

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