Balu Dhanorkar: महाराष्ट्र से कांग्रेस के एकमात्र सांसद बालू धानोरकर का निधन, चार दिन पहले हुई थी पिता की मौत |
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Maharashtra Politics: बालू धानोरकर के निधन पर शोक जताते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा यह कांग्रेस परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। हम सब इस दुःख की घड़ी में धानोरकर परिवार के साथ में हैं। धानोरकर के पार्थिव शरीर को दिल्ली से नागपुर होते हुए दोपहर तकरीबन 1.30 बजे उनके आवास वरोरा लाया जायेगा।
हाइलाइट्स
महाराष्ट्र से कांग्रेस के एकमात्र सांसद सांसद बालू धानोरकर का निधन
31 मई को सुबह 11 बजे वरोरा स्थित मोक्षधाम में अंतिम संस्कार होगा
बालू धानोरकर का तीन दिन से दिल्ली के मेदांता अस्पताल में इलाज शुरू था
मुंबई: महाराष्ट्र में चंद्रपुर जिले से कांग्रेस के सांसद सुरेश उर्फ बालू धानोरकर की आज इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। बेहद कम उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले धानोरकर 48 साल के थे। बालू धानोरकर का बीते तीन दिनों से दिल्ली के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। किडनी की बीमारी के लिए उनका उनका पहले नागपुर में इलाज चल रहा था। हालांकि, दो दिन पहले उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली रेफर कर दिया गया था। धानोरकर बीते दो दिनों से वेंटिलेटर पर थे। सोमवार को पूरे दिन उनके इलाज पर प्रतिक्रिया की खबरें आ रही थीं। सभी लोग यह उम्मीद कर रहे थे कि वह सकुशल लौट आएंगे। हालांकि बीती रात 12 बजे के आसपास उनकी मौत हो गई। उनके परिवार में विधायक पत्नी प्रतिभा और दो बच्चे हैं। धानोरकर के पार्थिव शरीर को दिल्ली से नागपुर होते हुए दोपहर तकरीबन 1.30 बजे उनके आवास वरोरा लाया जायेगा। मंगलवार यानी 30 मई दोपहर 2 बजे से 31 मई की सुबह 10 बजे तक उनके निवास वरोरा में दर्शन के लिए रखा जायेगा। 31 मई को सुबह 11 बजे वाणी-वरोरा बाईपास मार्ग स्थित मोक्षधाम में अंतिम संस्कार होगा।
पिता का कुछ दिन पहले निधन
धानोरकर परिवार पर एक तरह से दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। दरअसल उनके पिता नारायण धानोरकर की भी चार दिन पहले मौत हुई थी। उनके अंतिम संस्कार के समय सांसद धानोरकर का नागपुर में इलाज चल रहा था। पिता-पुत्र की मौत से धानोरकर परिवार में शोक की लहर है। धानोरकर के असमय निधन से कांग्रेस और राजनीतिक क्षेत्र के लिए एक बड़ी क्षति है। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद धानोरकर अपने सांगठनिक कौशल और जनसंपर्क के दम पर चुनाव में जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे। धानोरकर की वजह से ही कांग्रेस महाराष्ट्र में खाता खोलने में सफल रही थी।
बालू धानोरकर का पैतृक गांव चंद्रपुर जिले में भद्रावती है। साल 2009 में शिवसेना ने उन्हें इस सीट से टिकट दिया था लेकिन तब वह चुनाव नहीं जीत पाए थे। 2014 तक, बालू धानोरकर ने विभिन्न आंदोलनों और संगठनात्मक भवन के माध्यम से शिवसेना के लिए निर्वाचन क्षेत्र का समर्थन किया। बाद में उन्होंने शिवसेना के टिकट पर विधायक सीट जीती थी।
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