विधानसभा चुनाव में बालासाहेब थोरात की हार, कांग्रेस के लिए बड़ा झटका!
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बालासाहेब थोरात हार गए हैं. वे आठ बार चुनाव जीत चुके थे, अब नौवीं बार हार गए हैं.
कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात हार गए हैं. बालासाहेब थोराट संगमनेर से हार गए हैं. बालासाहेब थोरात अब तक आठ बार चुनाव लड़ चुके थे और एक बार भी नहीं हारे थे. लेकिन अब उन्हें नौवीं बार हार मिली है. इसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. शुरुआती दौर में कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात, विजय वडेट्टीवार और विश्वजीत कदम पीछे थे. अब बालासाहेब थोरात हार गए हैं.
बालासाहेब थोरात ने क्या कहा?
बालासाहेब थोरात ने कुछ दिन पहले बयान दिया था कि अगर कांग्रेस के साथ महाविकास अघाड़ी को 180 सीटें मिलें तो आश्चर्यचकित न हों। लेकिन ऐसा कहने वाले बालासाहेब थोरात हार गए हैं. अगर महाविकास अघाड़ी सत्ता में आती है तो उन्हें मुख्यमंत्री पद का भी बड़ा दावेदार माना जा रहा था. वह राजनीति में एक शांत और उदारवादी लेकिन कूटनीतिक नेता के रूप में जाने जाते थे। लेकिन बालासाहेब थोरात अब चुनाव हार गए हैं. ऐसे में इसे कांग्रेस के लिए झटका माना जा रहा है.
महाराष्ट्र में महागठबंधन का जोर
महाराष्ट्र में महायुति की ताकत काफी हद तक देखने को मिल रही है. क्योंकि 200 से ज्यादा महागठबंधन ने मोर्चा संभाल लिया है. लड़की बहिन योजना, विकास के मुद्दे, लड़ेंगे तो काटेंगे जैसे नारे अपना जादू चलाते नजर आ रहे हैं। दरअसल लोकसभा में बीजेपी के साथ महागठबंधन को तगड़ा झटका लगा. लेकिन देखा जा रहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी और महागठबंधन ने उनका बचाव कर लिया है. संजय राउत ने कहा है कि हमें ये नतीजा मंजूर नहीं है. लेकिन मौजूदा रुझान कह रहा है कि महाविकास अघाड़ी सिर्फ 49 से 50 सीटों पर ही आगे चल रही है. पृथ्वीराज चव्हाण, नाना पटोले पीछे हैं जबकि बालासाहेब थोरात चुनाव हार गए हैं.
महाविकास अघाड़ी हिट
2019 में महायुति को महाराष्ट्र में वोट मिले. बीजेपी को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिलीं. लोगों ने महायुति को वोट दिया. लेकिन ढाई-ढाई साल तक मुख्यमंत्री पद साझा करने के बाद बीजेपी और शिवसेना के बीच विवाद बढ़ गया और उसके बाद महागठबंधन टूट गया. इस घटना के बाद महाविकास अघाड़ी का गठन हुआ. शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी तीन पार्टियों ने सरकार बनाई और इस सरकार में ढाई साल तक उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री रहे. फिर 2022 में ये सरकार गिर गई. 2023 में अजित पवार भी महागठबंधन में सत्ता में आ गए. इसके बाद सारे राजनीतिक समीकरण बदल गए. अब ये देखना अहम है कि इस चुनाव में क्या होगा. लेकिन नतीजे और रुझान बता रहे हैं कि कांग्रेस के साथ-साथ महाविकास अघाड़ी को भी तगड़ा झटका लगा है.
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