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    April 19, 2025

    अयोध्या राम मंदिर: रामलला के प्राण त्यागने के समय भगवान राम की करें ये 4 स्तुतियां, दूर होंगे सारे कष्ट

    1 min read
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    आज अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की स्थापना की जा रही है. पूरे देश में भक्ति और उत्साह की लहर दौड़ गई है. आइए जानते हैं इससे जुड़ी भगवान राम की चार खास स्तुतियां।

    रामलला की नगरी अयोध्या अब उत्सव के मूड में है. अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ विराजमान किया जाएगा. इससे पूरे देश में भक्ति और उत्साह का माहौल है। इस मौके पर आइए जानते हैं भगवान श्री राम की चार खास स्तुतियां. साथ ही इन 4 स्तुतियों को पढ़ने से क्या लाभ होता है और इन्हें पढ़ने के नियम क्या हैं?

    भगवान राम की मुख्य स्तुति
    भगवान राम की मुख्य स्तुति “श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन” है। इसका उल्लेख तुलसीदास द्वारा लिखित विनय पत्रिका में मिलता है। इस स्तोत्र में भगवान श्री राम के स्वरूप और गुणों का वर्णन किया गया है। इस स्तुति का नियमित जाप करने से संस्कार शुद्ध होते हैं। इससे व्यक्ति को दैवीय कृपा का अनुभव होता है। हर शाम इस स्तुति का स्मरण करना शुभ माना जाता है। इसे परिवार के साथ याद करना पूरे परिवार के लिए शुभ होता है।

    भगवान राम की एक और स्तुति
    भगवान राम की एक और स्तुति है ‘राम रक्षा श्रत’। हालाँकि इसका पाठ नियमित रूप से करना जरूरी है। लेकिन यदि स्वास्थ्य या आयु संबंधी कोई संकट हो तो यह पाठ अवश्य करना चाहिए। यदि कोई जानलेवा स्थिति हो तो इस पाठ को पढ़ने से सटीक परिणाम मिलेंगे। इसका पाठ करते समय तांबे के एक बर्तन में जल भरकर रखना चाहिए। इस स्तुति को पढ़ने के बाद उस तांबे के जल को शरीर पर लगाना चाहिए। शरीर के हर हिस्से में रक्षा का निर्माण होगा।

    तीसरी स्तुति भगवान राम की
    भगवान राम की तीसरी स्तुति भगवान शिव ने उत्तरकाण्ड में की है। यह भजन है – “जय राम राम राम नाम शमन”। यह भजन भगवान राम के राज्याभिषेक के समय का है। इस स्तुति को नियमित रूप से करने से राज्य पद एवं प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। अगर आपको नौकरी से संबंधित कोई समस्या है या उच्च पद पाना चाहते हैं तो इस स्तोत्र का पाठ करें।

    चौथी स्तुति भगवान राम की
    भगवान की चौथी स्तुति, भगवान सूर्य की स्तुति, आदित्य हृदय स्तोत्र है। इस स्तुति का वर्णन रामायण के युद्धकाण्ड में किया गया है। भगवान राम ने युद्ध में विजय के लिए सूर्य देव की स्तुति की थी।

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