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    May 13, 2025

    एक दिन पहले मिले शुभ संकेत, तो क्या रूस में चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से मिलेंगे पीएम मोदी?

    1 min read
    😊

    ब्रिक्स समिट से पहले भारत को बड़ी कूटनीतिक सफलता हाथ लगी है. इस सफलता के बाद लोगों की नजर इस बात पर टिक गई है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात ब्रिक्स समिट के इतर हो सकती है?

    ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले मोदी सरकार को बड़ी सफलता हाथ लगी है. भारत और चीन ने मिलकर एक समझौता किया है. इस समझौते के तहत पूर्वी लद्दाख में सैनिक गश्त कर सकते हैं. इस समझौते के बाद ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक की संभावना बढ़ गई है.

    क्या शी जिपिंग से मिल सकते हैं पीएम मोदी
    ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी-शी जिनपिंग की संभावित मुलाकात को लेकर जब विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि कुछ अच्छा हो इसके लिए हमलोग काम में जुटे हुए हैं. वहीं इस कूटनीतिक सफलता के बाद पूर्व विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने खुशी जताई. अब लोगों की नजर इस बात पर टिक गई है कि क्या पीएम मोदी और शी जिनपिंग ब्रिक्स के इतर मुलाकात करेंगे?

    भारतीय कूटनीति कि हुई जीत
    गौरतलब है कि भारत ने अपनी कूटनीतिक चाल के जरिए चीन पर बढ़त बना ली. ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय कूटनीति का शानदार नतीजा है कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर पेट्रोलिंग के लिए सहमत हो गए हैं. दोनों देशों के बीच यह समझौता देपसांग और डेमचोक इलाकों में पेट्रोलिंग को लेकर है. इस सहमति के बाद देपसांग और डेमचोक में चल रहे गतिरोध खत्म हो जाएंगे.

    समझौते को लेकर भारतीय विदेश सचिव ने क्या कहा?
    भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “भारत-चीन सीमा क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि कि एलएसी पर गश्त व्यवस्था को लेकर एक समझौता हुआ है.” उन्होंने कहा, ”इस समझौते के बाद सैनिकों की वापसी हो रही है और यहां जिन मुद्दों को लेकर विवाद हुआ था उसका समाधान हो रहा है.” विदेश सचिव ने कहा कि धैर्य और शानदार कूटनीति के कारण भारत को सफलता हाथ लगी है.

    अधिकारी स्तर की हो चुकी है वार्ता
    बता दें कि इस समझौते को लेकर भारत और चीन के बीच काफी दिनों से बातचीत चल रही थी लेकिन हर बार मामला आगे बढ़ जा रहा था. इस समझौते को लागू करवाने को लेकर दोनों देशों के बीच कई बार अधिकारी स्तर की वार्ता हो चुकी है.

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