जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का वेतन रोकने का आदेश जारी होते ही तीन शिक्षकों का बकाया वेतन जमा करा दिया गया।
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चिकाकार्टे शिक्षक आठ महीने से अधिक समय से जिला परिषद शिक्षा विभाग में काम कर रहे हैं। उन्होंने अपना वेतन पाने के लिए प्रशासन से प्रयास किया।
सोलापुर: तीन शिक्षकों के वेतन का भुगतान न करने के मामले में संज्ञान लेते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोलापुर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का एक महीने का वेतन रोकने का सीधा आदेश दिया। उधर, इस आदेश से स्तब्ध जिला परिषद ने संबंधित तीनों शिक्षकों का बकाया वेतन तत्काल जमा करा दिया है।
इस संबंध में जिला परिषद स्कूल के तीन शिक्षकों मनोज महाडे, रतिलाल अहिरे और विनोद कोंकणी ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और शिक्षा अधिकारी के खिलाफ मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। आगे बढ़ो। रविन्द्र घुगे और न्यायमूर्ति. न्यायमूर्ति अश्विन भोबे की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता शिक्षक आठ महीने से अधिक समय से जिला परिषद शिक्षा विभाग में काम कर रहा है। उन्होंने अपना वेतन पाने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई। लेकिन तीन महीने का वेतन बकाया रहने और बार-बार प्रयास के बावजूद भी वेतन न मिलने पर इन शिक्षकों ने अंततः अदालत का दरवाजा खटखटाया। मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 14 जनवरी 2025 तक बकाया भुगतान करने का आदेश दिया। इस पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर उच्च न्यायालय ने इसे गंभीरता से लिया और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का एक माह का वेतन रोकने का आदेश दिया। इसके बाद जिला परिषद प्रशासन ने संबंधित शिक्षकों का बकाया वेतन तुरंत जमा करा दिया।
इस संबंध में जिला परिषद शिक्षा विभाग के अनुसार टीईटी परीक्षा में गड़बड़ी के कारण संबंधित शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। हालांकि, चूंकि न्यायालय ने सेवाकाल के दौरान उनके वेतन का भुगतान करने का आदेश दिया था, इसलिए शिक्षा निदेशक को उनका वेतन ऑफलाइन जमा करने के लिए पत्र भेजा गया। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुलदीप जंगम द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण के अनुसार, संबंधित शिक्षकों के पास स्कूल आईडी नहीं थी। इसलिए उनका वेतन भुगतान नहीं हो सका। स्कूल आईडी प्राप्त करने के लिए शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन मांगा गया। हाईकोर्ट का आदेश प्राप्त होते ही शिक्षकों की शालार्थ आईडी हटा दी गई तथा तीनों शिक्षकों के खातों में तीन माह के वेतन के बकाए के रूप में 1,54,836 रुपये जमा करा दिए गए। इस कार्रवाई से मुख्य कार्यकारी अधिकारी का एक माह का वेतन रोकने की कार्रवाई टल गई है।
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