क्या ब्रह्मांड में हम अकेले हैं? ISRO चीफ एस सोमनाथ की एलियन वाली थ्योरी सब क्लियर कर देगी।
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इसरो प्रमुख एस सोमनाथ का मानना है कि कि ब्रह्मांड में एलियन सभ्यताओं का अस्तित्व न केवल संभव है बल्कि हो सकता है वे बड़े पैमाने पर फैली हुई हों.
क्या पृथ्वी के अलावा ब्रह्मांड में कहीं और भी जीवन है? इस सवाल का जवाब तलाशने में विज्ञान ने कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है. दुर्भाग्य से, अभी तक धरती के सिवा कहीं और जीवन की मौजूदगी के सबूत नहीं मिले हैं. हालांकि, भारत के ‘मून-मैन’ और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख एस सोमनाथ को लगता है कि ब्रह्मांड में कहीं और जीवन तो जरूर है. वे मानते हैं कि ब्रह्मांड में एलियन सभ्यताओं का अस्तित्व है.
एलियंस का वजूद है, यह समझाने के लिए ISRO प्रमुख ने तकनीक में आए क्रांतिकारी बदलावों की बात की. 100 साल पहले की तकनीक, आज के सामने आदिकालीन लगती है. रणवीर इलाहाबादिया के साथ पॉडकास्ट में, ISRO चीफ ने एक डबल एलियन सिविलाइजेशन वाला थॉट एक्सपेरिमेंट सुझाया. सोमनाथ के मुताबिक, आप सोचिए कि दो एलियन सभ्यताएं हैं. एक मानवता से कहीं आगे है और दूसरी मानवता से थोड़ी पीछे.
ब्रह्मांड में मौजूद हो सकती हैं एडवांस्ड एलियन सभ्यताएं
ISRO चीफ सोमनाथ ने कहा कि ऐसी सभ्यताओं की सोचिए जिनमें से एक हमसे 200 साल पीछे हैं और दूसरी 1000 साल आगे. यह संभावना तकनीकी और विकासवादी चरणों के उस विशाल स्पेक्ट्रम को जाहिर करती है जिसमें एलियन जीवन मौजूद हो सकता है. इसरो प्रमुख ने लिस्नर्स से कहा कि वे अगली सहस्राब्दी में तकनीकी विकास के संदर्भ में मानवता की स्थिति पर विचार करें.
इसरो प्रमुख के अनुसार, ऐसी सभ्यताएं जो मानवता से 1,000 वर्ष अधिक आगे हैं, ब्रह्मांड में पहले से ही मौजूद हो सकती हैं. शायद वे मानवता के साथ उन तरीकों से इंटरएक्ट कर रही हैं, जिन्हें हम अभी तक समझ नहीं पाए हैं.
‘ब्रह्मांड के स्केल पर इंसान काफी नया’
ISRO प्रमुख को धरती से परे जीवन की मौजूदगी इसलिए भी वास्तविकता लगती है क्योंकि ब्रह्मांड में जीवन के रूप मानवता की तुलना में ‘बहुत अधिक विकसित’ हो सकते हैं. सोमनाथ ने कहा कि ब्रह्मांड के नजरिए से देखें तो मनुष्य बेहद नए हैं. जीवन और उन्नत सभ्यताएं पूरे ब्रह्मांड में फैली हो सकती हैं.
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