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    April 22, 2025

    66 कैंडिडेट में अपने ज्यादा या बाहरी? झारखंड में दलबदलुओं को लेकर क्यों बढ़ी भाजपा की टेंशन।

    1 min read
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    झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को मतदान होने वाला है. मतगणना 23 नवंबर को होगी.

    झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा की ओर से जारी उम्मीदवारों की सूची को लेकर भाजपा में असंतोष बढ़ गया है. झारखंड में विपक्षी पार्टी भाजपा के कई नेता टिकट बांटने वाले पर दलबदलुओं पर भरोसा जताने का आरोप लगाते हुए चुनाव से ठीक पहले पार्टी छोड़ चुके हैं. इनमें एक मौजूदा विधायक और तीन पूर्व विधायक शामिल हैं.

    समर्पित कार्यकर्ताओं की बजाय दूसरे दलों से आए नेताओं को तरजीह
    झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा चुनावों में भाजपा गठबंधन में सीटों के बंटवारे के बाद 68 सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है. उनमें से 66 नामों की पहली सूची देखकर भाजपा के कई असंतुष्ट नेता पार्टी छोड़कर चले गए हैं. उनकी शिकायतों में भाजपा द्वारा अपने समर्पित कार्यकर्ताओं की बजाय दूसरे दलों से आए नेताओं को तरजीह देना शामिल है.

    ‘भाजपा के 66 उम्मीदवारों में से आधे से अधिक दूसरे दलों से आए लोग’
    भाजपा के एक नेता ने निराशा जाहिर करते हुए कहा, “हमें दुख है. अगर आप सूची देखें, तो पार्टी ने अपने समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी करते हुए दूसरे दलों से आए लोगों पर भरोसा जताया है. अब तक घोषित 66 उम्मीदवारों में से आधे से अधिक दूसरे दलों से आए लोग हैं.” भाजपा से टिकट हासिल करने वाले दलबदलुओं में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, उनके बेटे बाबूलाल सोरेन और लोबिन हेम्ब्रोम, गंगा नारायण, मंजू देवी, गीता कोरा, सीता सोरेन और रामचंद्र चंद्रवंशी जैसे कई नेता शामिल हैं.

    अंसतुष्ट नेताओं से मिलकर बात करेंगे भाजपा के सह-प्रभारी हिमंत सरमा
    झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के चुनाव प्रभारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और सह-प्रभारी असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सोमवार को रांची पहुंचे और रवींद्र राय के साथ बैठक की. इसके बाद सरमा ने असंतोष को कमतर आंकते हुए कहा कि उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद किसी बड़े राजनीतिक दल में कुछ नाराजगी पैदा होना स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि वे असंतुष्ट नेताओं से मिलेंगे.

    पूर्व विधायक लुइस मरांडी, कुणाल सारंगी और लक्ष्मण टुडू समेत कई भाजपा सदस्य सोमवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में शामिल हो गए. इससे पहले तीन बार के भाजपा विधायक केदार हाजरा और आजसू पार्टी के उमाकांत रजक भी सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो गए थे.

    विदेश से नौकरी छोड़कर आए नेता ने छोड़ी भाजपा, किसी ने फोन नहीं किया
    भाजपा से इस्तीफा देने वाले कुणाल सारंगी ने अपनी निराशा साझा करते हुए कहा, “भाजपा में किसी ने भी मुझे फोन करने की जहमत नहीं उठाई. उन्होंने मुझे लोकसभा चुनाव के दौरान जमशेदपुर सीट के लिए चुना था, लेकिन टिकट देने से इनकार कर दिया गया. यह एक बुनियादी शिष्टाचार है कि वे मुझे फोन करते. इससे मुझे बहुत दुख हुआ, खासकर तब जब मैं विदेश में एक आरामदायक नौकरी छोड़कर समाज की सेवा करने के लिए भारत आया था.”

    जमशेदपुर, दुमका, जमुआ, घाटशिला समेत कई सीटों पर दूर हुए असरदार नेता
    वहीं, पूर्व मंत्री लुइस मरांडी ने भाजपा को छोड़कर जाने पर कहा, “2014 में भाजपा ने दुमका में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. जबकि, उसे झामुमो का गढ़ माना जाता था. लेकिन इसके बदले में भाजपा ने उन महिलाओं को सम्मान दिया, जिन्हें बाहर से पार्टी में लाया गया था, न कि उन महिलाओं को जिन्होंने अपना पूरा जीवन उनके लिए समर्पित कर दिया.”

    साल 2019 में जमुआ सीट जीतने वाले केदार हाजरा ने भाजपा के लिए अपनी लंबी सेवा के बावजूद उपेक्षित महसूस किया और कांग्रेस विधायक के भाजपा में शामिल होने और टिकट मिलने के बाद पाला बदलने का फैसला किया. 2014 में घाटशिला में झामुमो के रामदास सोरेन को हराने वाले लक्ष्मण टुडू भी भाजपा के भीतर “अलगाव” महसूस करते थे.

    इनके अलावा, बरकट्ठा से टिकट की दावेदार कुमकुम देवी ने भाजपा छोड़कर लोकहित अधिकार पार्टी ज्वाइन कर लिया. सरायकेला से गणेश महली ने भाजपा छोड़ कर झामुमो का दामन थाम लिया. सरायकेला के भाजपा नेता बास्को बेसरा ने झामुमो को चुना. हुसैनाबाद से विनोद सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. पूर्व मंत्री सत्यानंद झा बाटुल और पूर्व महेशपुर विधायक मिस्त्री सोरेन और ईचागढ़ के पूर्व विधायक मलखान सिंह ने भी भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.

    झारखंड चुनाव में भाग लेने के लिए लगभग 2.60 करोड़ मतदाता तैयार
    झारखंड विधानसभा चुनाव में भाग लेने के लिए राज्य में लगभग 2.60 करोड़ मतदाता तैयार हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 13 और 20 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी.पिछली बार यानी विधानसभा चुनाव 2019 में, झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 47 सीटें जीतीं और भाजपा को हराकर सत्ता हासिल की थी. भाजपा को तब 25 सीटें मिल पाई थी.

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