अनुप हजारी: कपास उद्योग में सफलता की नई कहानी लिखने वाले उद्यमी।
1 min read
|














बोदवड, जलगांव: जलगांव जिले के बोदवड तालुका के अनुप हजारी ने अपनी मेहनत और समर्पण से कपास उद्योग में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। 2001 में एक छोटे से दुकान से शुरुआत करने वाले अनुप हजारी ने आज एक सफल उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बनाई है। उनकी सफलता की कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणादायक है।
संघर्ष की शुरुआत और पहला कदम
अनुप हजारी ने 2001 में सीमित संसाधनों के साथ एक छोटी सी दुकान शुरू की। शुरुआती दिनों में उन्हें कई आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। पूंजी की कमी के बावजूद, उन्होंने अपनी मेहनत से हार नहीं मानी और आगे बढ़ते रहे।
उन्होंने कपास और अनाज की खरीद-फरोख्त शुरू की और धीरे-धीरे अपने व्यवसाय का विस्तार किया। 2005-2006 में उन्होंने ‘वैष्णवी जिनिंग मशीनरी‘ की शुरुआत की। इस दौरान उनके व्यवसाय में संदीप हजारी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।
शून्य से साम्राज्य तक की यात्रा
वर्ष 2021-22 में अनुप हजारी और संदीप हजारी ने मिलकर ‘अरिहंत जिनिंग‘ को पुनः शुरू किया। सीमित पूंजी के बावजूद, उन्होंने अपने अथक प्रयासों से व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनका यह सफर नए उद्यमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।
कृषि क्षेत्र से जुड़े रहने के कारण, उन्होंने किसानों और उत्पादकों की सहायता के लिए अपनी सेवाएं प्रदान कीं। उनके पिता भी कृषि कार्य में संलग्न थे, जिनकी प्रेरणा से अनुप हजारी ने मेहनत और ईमानदारी की राह अपनाई।
“जय माता दी जिनिंग” की स्थापना और सफलता
अनुप हजारी ने एक छोटे से दुकान से शुरुआत कर ‘जय माता दी जिनिंग‘ की स्थापना की और अपनी मेहनत से एक बड़ा व्यापार साम्राज्य खड़ा किया। उनका यह सफर शून्य से शिखर तक पहुंचने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। हर चुनौती को स्वीकार कर उन्होंने सफलता की नई ऊंचाइयां हासिल कीं।
प्रेरणा स्रोत बने अनुप हजारी
अनुप हजारी ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और कभी हार न मानने वाले रवैये से उद्योग जगत में एक अलग पहचान बनाई है। उनकी इस सफलता ने न केवल बोदवड बल्कि पूरे जिले को गर्वित किया है। वे नई पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं और यह साबित कर दिया है कि कड़ी मेहनत और समर्पण से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments