खुदरा महंगाई दर का वार्षिक निम्न स्तर; मई महीने में 4.75 प्रतिशत; खाद्य वस्तुओं की स्थिर कीमतें सहायक।
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राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने ग्राहक मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई दर की जानकारी बुधवार को जारी की।
नई दिल्ली: खुदरा महंगाई दर बीते मई महीने में थोड़ी गिरावट के साथ 4.75 प्रतिशत पर आ गई, जो कि वर्षभर का सबसे निम्न स्तर है। खाद्य वस्तुओं की स्थिर कीमतें इस दर के कम होने का कारण बनी हैं, यह सरकार द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों से स्पष्ट हुआ।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने ग्राहक मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई दर की जानकारी बुधवार को जारी की। इसके अनुसार, अप्रैल महीने में 4.83 प्रतिशत रहा खुदरा महंगाई दर गिरकर मई महीने में 4.75 प्रतिशत पर आ गया। यह इसकी मई 2023 के बाद की सबसे निम्न पातली है। उस समय महंगाई दर 4.31 प्रतिशत पाई गई थी। खाद्य वस्तुओं की कीमत में वृद्धि मई महीने में 8.69 प्रतिशत दर्ज की गई। अप्रैल में यह 8.70 प्रतिशत थी, जो थोड़ा कम हुई है। हालांकि, कुल सूचकांक के 26 प्रतिशत घटकों में कीमत वृद्धि की दर 5 प्रतिशत के आसपास रही, जो जनवरी 2020 के बाद का सबसे निम्न स्तर है। फिर भी खाद्य वस्तुओं के घटकों में, विशेषकर सब्जियों और दालों सहित कुछ विशिष्ट खाद्य श्रेणियों में उच्च मुद्रास्फीति चिंता का विषय है, यह अर्थशास्त्रियों का कहना है।
दुनिया भर में अन्नधान्य की कीमतें बढ़ रही हैं, लेकिन देश में खुदरा महंगाई दर इस साल फरवरी महीने से लगातार गिर रही है। उस समय महंगाई दर 5.1 प्रतिशत थी और अप्रैल में यह 4.8 प्रतिशत तक आ गई है।
ग्रामीण महंगाई दर मई में 5.28 प्रतिशत है, जबकि शहरी महंगाई दर 4.15 प्रतिशत है। सब्जियों की महंगाई थोड़ी कम होकर 27.3 प्रतिशत पर आ गई है। इससे पहले अप्रैल महीने में यह 27.8 प्रतिशत थी। अनाज और दालों की महंगाई कम होकर 8.69 प्रतिशत पर आ गई है। यह अप्रैल में 17.4 प्रतिशत थी। ईंधन और ऊर्जा की महंगाई 3.83 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो कि अप्रैल में 4.24 प्रतिशत थी।
रिजर्व बैंक का 4.5 प्रतिशत का अनुमान
रिजर्व बैंक ने खुदरा महंगाई दर का लक्ष्य 4 प्रतिशत निर्धारित किया है। इस महीने की शुरुआत में रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति में खुदरा महंगाई दर इस वित्तीय वर्ष में इस लक्ष्य से अधिक, यानी औसतन 4.5 प्रतिशत रहेगी, ऐसा अनुमान व्यक्त किया गया। चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में यह दर 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहेगी, ऐसा रिजर्व बैंक का अनुमान है। रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति तय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई दर पर ध्यान दिया जाता है।
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