5000 की नौकरी शुरू करने से लेकर 8 करोड़ की कंपनी बनाने तक का प्रेरक सफर।
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शिजू पप्पन को नौकरी में 5000-6000 रुपये मिलते थे. लेकिन, इतनी सैलरी में उनके लिए अपने मासिक खर्च चलाना मुश्किल था। इसके बाद उन्होंने 20 वर्षों तक फास्ट फूड उद्योग में काम किया।
राजस्थान के एक छोटे से कस्बे से दिल्ली आकर ‘पिज्जा हट’ में काम करने वाले शिजू पप्पन ने कड़ी मेहनत से कैफे चेन शुरू की। आज वह साल में आठ करोड़ रुपये कमाते हैं। शिजू पप्पन 1997 में दिल्ली आए और ‘पिज्जा हट’ में क्लीनर और वेटर के रूप में काम किया। लेकिन, इसके बाद उन्होंने अपनी कंपनी ‘द चटपटा अफेयर’ शुरू की। अब उनकी कंपनी के पूरे भारत में 50 आउटलेट हैं।
शिजू पप्पन की प्रेरणादायक यात्रा कई लोगों के लिए एक बेहतरीन उदाहरण है। ‘पिज्जा हट’ में काम करते हुए उन्होंने भारतीय स्ट्रीट फूड को और बढ़ावा देने के लिए ‘द चटपटा अफेयर’ की शुरुआत की। शिजू पप्पन ने अपना बचपन राजस्थान के एक छोटे से शहर में बिताया। माता-पिता की मृत्यु के कारण उन्हें बचपन से ही अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। 1997 में वह जीविकोपार्जन के लिए दिल्ली आ गए और ‘पिज्जा हट’ में काम करने लगे। लेकिन, इस नौकरी में उन्हें पांच से छह हजार रुपये की कम सैलरी मिल रही थी. लेकिन, इतनी सैलरी में उनके लिए अपने मासिक खर्च चलाना मुश्किल था। इसके बाद उन्होंने 20 वर्षों तक फास्ट फूड उद्योग में काम किया। उस दौरान उन्होंने ‘सदर्न फ्राइड चिकन’ के सीईओ के रूप में भी काम किया। फिर उन्होंने अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया।
2020 में पप्पन ने ‘द चटपटा अफेयर’ शुरू किया। धीरे-धीरे पप्पन का कारोबार तेजी से बढ़ने लगा। आज उनकी कंपनी देश भर में 50 स्थानों पर यानी बेंगलुरु, चेन्नई, गुरुग्राम और हैदराबाद जैसे प्रमुख शहरों में काम करती है। इस कैफे चेन का सालाना राजस्व करीब आठ करोड़ रुपये है.
‘द चटपटा अफेयर’ में 200 से ज्यादा व्यंजन
शिजू पप्पन के ‘द चटपटा अफेयर’ में बिहार की प्रसिद्ध लिट्टी चोखा से लेकर उत्तर भारत की स्वादिष्ट चाट तक लगभग 200 ऐसे व्यंजन शामिल हैं। पप्पन चाहते हैं कि पिज्जा और बर्गर की तरह भारतीय स्ट्रीट फूड भी लोकप्रिय हो जाए। इसलिए वे भारतीय तले हुए भोजन को और अधिक लोकप्रिय बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
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