आधुनिक दुनिया बोहत तेजी से बदल रही है! हमे दुनिया के साथ चलने की जरूरत है! यदी हम इस दौड में थोडा पीछे रहेंगे तो नुकसान कुछ नही होगा, बस कुछ लोग हमसे आगे निकल जायेंगे और आनेवाले समय में हम उन्हीपर निर्भर होकर दुनिया को उनकी नजर से देखेंगे! ये सोच हमे शायद अजिब लगे! लेकीन वास्तविकता में हमारा मस्तीष्क हजारो लाखो कोशिकाओंसे बना है! इसी मस्तीष्क की क्षमता कईगुना होती है! लेकीन हम बोहत की कम प्रतिशत अपने ब्रेन का इस्तेमाल जिंदगीमे कर पाते है! जो इन्सान अधिक से अधिक अपने ब्रेन का इस्तेमाल करता है वो सफलता के सारे रास्ते खोज लेता है! यदी हम बचपनसेही अपने मस्तीष्क को सही दिशा दे तो औरोसे बुध्दीमान बन सकते है!
अखिलेश बैतूले एैसेही एक इन्सान है जो बच्चोको आनेवाले समय के लिए पुरी क्षमता से तैयार करते है! वै स्कुल फाॅर ऑल ब्रेन यानी ट्रेन ओ बे्रन के फाउंडर और सि.ई.ओ है! एक अंतराष्ट्रीय मस्तिष्क विशेषज्ञ, अभिभावक विशेषज्ञ और परामर्शदाता के ओहदेसे वे निरंतर कार्य कर रहे है!
अक्टूबर 2012 से अखिलेश बैतूले ने बे्रन प्रोगाम की शुरूआत की, कुछ वर्षो पेहले हम बे्रन को डेव्हलप कर सकते है या बे्रन प्रोग्राम से अपने ब्रेन को एक अच्छी दिशा सकते है ये एकमात्र कल्पना थी! इस प्रोग्राम के बारे में लोगोंमें बहुत सारे प्रश्न और संदेह थे, बच्चो का ध्यान के्रंद्रीत करने के लिए क्या म्युझिक आवश्यक है? क्या ये सोच सही माईने मे असरदार रहेगी? या बच्चो के दिमाग पर इसका गलत असर होगा? क्या ये टेक्नीक अकेडमीक से स्टडी के लिए सही होगी? ये सारे सवाल सामने खडे थे! लेकीन बे्रनोलाॅजीस्ट अखिलेश बैतुले के पास इन सभी सवालोंके सही जवाब थे! जिन्हाने इस प्रक्रिया के लिए कडी मेहनत की थी!
शुरूआत में कुछ बच्चो को ट्रेनिंग देने के बाद लोगोंने बच्चों में बदलाव देखा, तब उन्हाने विश्वास करना शुरू किया! सकारात्मक दृष्टिकोण, एकाग्रता मे सुधार, फोकस, स्मरणशक्ती, स्पीड रीडिंग, आत्मविश्वास में वृध्दि जैसे परीवर्तन बच्चोमें नजर आने लगे! तब ये तकनीक और ट्रेनिंग सही माईने में बच्चो के बौध्दिक विकास के लिए जरूरी लगने लगी! और अखीलेश बैतुले के पास लोगोंकी भीड उमडने लगी!
ट्रेन ओ ब्रेन की सफलता के बाद 2015 में महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों और फिर भारत में फे्रंचाइजी प्रदान करना शुरू किया! और देखते ही देखते 25 शाखायें भारत में कार्यान्वित हो गई! ट्रेन ओ ब्रेन का मुख्य कार्यालय अमरावती मे है, और महारष्ट्र में और देश विदेशोंमें 25000 से अधिक छात्रों को वे प्रशिक्षित कर चुके है!
ये ट्रेनिंग प्रोग्राम भारत का एकमात्र बे्रन ट्रेनिंग स्कुल है जो सभी आयु और समूहों के लिए विशेष मस्तिष्क विकास पाठयक्रम प्रदान करता है! 3 वर्ष आयु/ 5 से 15 वर्ष आयु और 25 वर्ष से अधीक उम्र के छात्रोंके लिए ब्रेन प्रोग्राम डिझाईन किया गया है! साथही बे्रन टे्रनिंग प्रोग्राम के साथ करियर मार्गदर्शन, ब्रेन मॅपिंग टेस्ट और परामर्श भी प्रदान किया जाता है! समाज मे प्रतिभाशाली बच्चे, तेज दिमाग और सकारात्मक विचार पैदा करने का कार्य ट्रेन ओ ब्रेन के माध्यम से किया जाता है! विभिन्न आयु समूहों के मस्तिष्क प्रशिक्षण के लिए 11 अलग अलग पाठयक्रम बनाये गये है!
क्वांटम स्पीड रीडींग – इस पाठयक्रम में एक छात्र केवल पन्ने पलपटकर किसी भी किताब को पढ सकता है और कई प्रतिभाशाली गतिविधियाॅं कर सकता है! जैसे ब्लाइंड फोल्ड रीडिंग, क्लोज्ड बुक रीडिंग, अंडर बाउल कलर आयडेंटिफिकेशन आदि!
इम्प्रुव्ह मेमरी स्कील मे हम स्मृति कौशल में सुधार लाते है, ये केवल 3 घंटे में याददाश बढाने वाला एक छोटा पावर बूस्टर है! छात्रो की लिखावट के साथ, तेज गती से लिखने का कौशल भी बढाया जाता है! स्पीड रीडिंग, स्मृति में सुधार, एडवांस फोटोग्राफिक मेमोरी, स्मरणशक्ति, मन की शक्ति, सफल पालण पोषण, एडवांस योग और ध्यान, डीएमआईटी बे्रन मॅपिंग टेस्ट ये सारे पाठयक्रम प्रमाणित एवं परिणामोंन्मुख है! ट्रेन ओ ब्रेन टिम में छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रमाणित प्रशिक्षक और ब्रेनोलाॅजिस्ट मौजुद है!
हेड ऑफिस में 5 लोगोंकी एक एक्सपर्ट टिम और शाखाओंमें 100 से अधिक सदस्य कार्यरत है! ट्रेन ओ ब्रेन के साथ कई राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्कूल और काॅलेजेस जुडे हुए है! ट्रेन ओ ब्रेन का 250 से अधिक फे्रंचाइजी खोलने का लक्ष है! 2030 तक 2.50 लाख लोंगोंको प्रशिक्षित करने का इरादा भी वे रखते है! उनके लक्ष्य को हासिल करने के लिए ट्रेन ओ बे्रन की संस्था और अखिलेश बैतूले को रिसिल.इन की और से हम शुभकामायें देते है!
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