अजीत डोभाल तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त; भारत सरकार ने नियुक्ति पत्र जारी किया।
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नई दिल्ली: अजीत डोभाल को तीसरी बार भारत का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) नियुक्त किया गया है। भारत सरकार ने गुरुवार को उनकी नियुक्ति का औपचारिक पत्र जारी किया। डोभाल, जो देश के सबसे अनुभवी और प्रतिष्ठित खुफिया अधिकारी माने जाते हैं, पहले भी इस पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं और उनकी इस महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर व्यापक सराहना हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में पहली बार पदभार संभालने के बाद डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था। इसके बाद, 2019 में उन्हें फिर से इस पद पर नियुक्त किया गया और अब 2024 में, डोभाल लगातार तीसरी बार इस महत्वपूर्ण भूमिका को निभाएंगे। उनकी नियुक्ति से यह स्पष्ट होता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता और अनुभव को सरकार ने अत्यधिक महत्व दिया है।
डोभाल को काबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है और उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों और सुरक्षा उपायों को सफलतापूर्वक लागू किया है। भारतीय पुलिस सेवा के 1968 बैच के अधिकारी रहे डोभाल आतंकवाद विरोधी उपायों में माहिर माने जाते हैं। उनके पास पूर्वोत्तर राज्य, पंजाब और जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में काम करने का 33 वर्षों का विस्तृत अनुभव है।
यह भी उल्लेखनीय है कि अजीत डोभाल ने पाकिस्तान में लगभग छह वर्षों तक गुप्तचर के रूप में काम किया है, जिससे उन्हें भारतीय खुफिया तंत्र में एक विशिष्ट स्थान प्राप्त हुआ है। उनकी इस नियुक्ति से राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया तंत्र में एक स्थायित्व और निरंतरता की भावना बनी रहेगी।
अजीत डोभाल भारतीय खुफिया और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख हस्ती हैं। उनकी पहचान देश के सबसे अनुभवी और प्रतिष्ठित खुफिया अधिकारियों में से एक के रूप में होती है। यहाँ उनके बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है:
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
१. जन्म: अजीत डोभाल का जन्म 20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में हुआ था।
२. शिक्षा: उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अजमेर मिलिट्री स्कूल से प्राप्त की और इसके बाद आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की।
करियर:
१. भारतीय पुलिस सेवा (IPS): डोभाल 1968 बैच के केरल कैडर के IPS अधिकारी हैं। उनकी करियर की शुरुआत इसी सेवा से हुई।
२. इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB): डोभाल ने अपना अधिकांश समय इंटेलिजेंस ब्यूरो में विभिन्न महत्वपूर्ण भूमिकाओं में बिताया। वे 2004 से 2005 तक IB के निदेशक भी रहे।
३. गुप्तचर कार्य: डोभाल ने लगभग छह वर्षों तक पाकिस्तान में गुप्तचर के रूप में काम किया। इसके अलावा, उन्होंने उत्तर-पूर्वी भारत और पंजाब में भी आतंकवाद विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA):
१. पहली नियुक्ति: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में, मई 2014 में, डोभाल को पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया।
२. दोबारा नियुक्ति: उनके कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों के चलते उन्हें 2019 में दोबारा और 2024 में तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया।
३. उपलब्धियाँ: उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए विभिन्न उपायों को लागू किया। डोभाल के नेतृत्व में, भारतीय सुरक्षा तंत्र ने कई महत्वपूर्ण सफलताएँ प्राप्त की हैं।
विशेष योगदान:
१. आतंकवाद विरोधी अभियानों में भूमिका: डोभाल ने मिजोरम, पंजाब और जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
२. सर्जिकल स्ट्राइक: 2016 में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में भारतीय सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के पीछे डोभाल की प्रमुख भूमिका रही है।
सम्मान:
१. अजीत डोभाल को उनके असाधारण योगदान के लिए कई सम्मान और पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उन्हें काबिनेट मंत्री का दर्जा भी प्राप्त है, जो उनके कार्यों की महत्ता को दर्शाता है।
अजीत डोभाल की रणनीतिक सोच, अनुभव और विशेषज्ञता ने उन्हें भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। उनकी नियुक्ति से राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में स्थायित्व और निरंतरता बनी रहती है।
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