रतन टाटा की मौत के बाद टाटा ग्रुप की इस कंपनी ने रचा इतिहास, ऐसा करने वाली देश की पहली कंपनी।
1 min read
|








अक्टूबर में रतन टाटा की मौत के बाद टाटा ग्रुप लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है. पिछले दिनों दुनिया के सबसे वैल्यूबल ग्रुप में जगह बनाने के बाद अब टाटा स्टील ने रिकॉर्ड बनाया है.
रतन टाटा की मौत के कुछ ही महीने बाद टाटा ग्रुप के हाथ एक बड़ी उपलब्धि लगी है. टाटा ग्रुप की सब्सिडियरी कंपनी टाटा स्टील हाइड्रोजन ट्रांसपोर्टेशन के लिए पाइप विकसित करने वाली पहली भारतीय स्टील कंपनी बन गई है. टाटा स्टील की यह उपलब्धि देश के हाइड्रोजन मिशन में मील का पत्थर साबित होगी. कंपनी की तरफ से जारी बयान के अनुसार, टाटा स्टील के खोपोली प्लांट में निर्मित और कलिंगनगर प्लांट में तैयार होने वाले स्टील से प्रोसेस किए गए पाइप हाइड्रोजन ट्रांसपोर्टेशन के लिए जरूरी सभी क्वालिटी पर खरे उतरे हैं.
कंपनी के प्लांट में ही पूरी तरह से किया गया तैयार
कंपनी की तरफ से जारी बयान के अनुसार, हॉट-रोल्ड स्टील के डिजाइन और निर्माण से लेकर पाइप बनाने तक की पूरी तकनीक का विकास कंपनी के प्लांट में ही किया गया है. यह टाटा स्टील की महत्वपूर्ण ऊर्जा बुनियादी ढांचे को देने की क्षमता को दर्शाती है. साल 2024 में टाटा स्टील गैसीय हाइड्रोजन के परिवहन के लिए हॉट-रोल्ड स्टील का उत्पादन करने वाली पहली भारतीय स्टील कंपनी बनी. बयान में कहा गया कि ‘हाइड्रोजन क्वालिफिकेशन टेस्ट इटली की एक प्रमुख अनुमोदन एजेंसी RINA-CSM S.P.A में किये गए, यह हाइड्रोजन से जुड़ी परीक्षण और विशेषता के लिए जानी जाती है.’
कंपनी की तरफ से कहा गया कि नए हाइड्रोजन ट्रांसपोर्टेशन के अनुकूल API X65 ग्रेड के पाइप उच्च दबाव (100 बार) के तहत 100 प्रतिशत शुद्ध गैसीय हाइड्रोजन के ट्रांसपोर्टेशन के लिए यूज किए जा सकते हैं. टाटा स्टील के वाइस प्रेसीडेंट मार्केटिंग और सेल्स (फ्लैट प्रोडक्ट) प्रभात कुमार ने कहा, ‘टाटा स्टील हमेशा अहम स्टील ग्रेड के निर्माण के लिए प्रौद्योगिकियों के विकास में सबसे आगे रहा है. नए ईआरडब्ल्यू पाइप का सफल ट्रायल पासर सेक्टर के लिये घरेलू स्तर पर अहम भौतिक बुनियादी ढांचे को देने की हमारी क्षमताओं को प्रदर्शित करता है. हमें भारत के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में योगदान करने पर गर्व है, जो अपने आप में देश के चल रहे स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन का प्रमुख घटक है.’
यह उपलब्धि नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक के बिजनेस में फैले टाटा ग्रुप के एमेरिटस चेयरमैन रतन टाटा के निधन के कुछ महीने बाद मिली है. रतन टाटा का 9 अक्टूबर 2024 को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया. रतन टाटा की मौत के बाद उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन चुना गया है. टाटा ट्रस्ट, चैरिटी का एक ग्रुप है जिसके पास टाटा संस में 66% हिस्सेदारी है.
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments