डॉकिंग के बाद ISRO का एक और सुपर शॉट, ‘बाहुबली’ बन जाएंगे रॉकेट्स, दुनिया भी दंग.
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ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का कहना है कि उसने अपने ‘विकास’ लिक्विड रॉकेट इंजन को वापस चालू करने में सफलता हासिल की है. यह परीक्षण 17 जनवरी 2025 को किया गया था. इसको लेकर पिछले साल दिसंबर में भी एक छोटा सा परीक्षण किया गया था.
ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार 18 जनवरी 2025 को कहा कि उसने महेंद्रगिरी स्थित अपने प्रोपल्शन कॉम्पलेक्स में अपने ‘विकास’ लिक्विड रॉकेट इंजन का सफल परीक्षण कर लिया है. स्पेस एजेंसी का कहना है कि ‘विकास’ इंजन एक वर्किंग इंजन है, जो ISRO के प्रक्षेपण वाहनों के लिक्विड स्टेज को ताकत देने का काम करता है.
ऐसे किया गया परीक्षण
ISRO के मुताबिक यह परीक्षण 17 जनवरी 2025 को किया गया. परीक्षण के दौरान इंजन को सबसे पहले 60 सेकेंड्स के लिए चालू किया गया. इसके बाद इसे 1-20 सेकेंड के लिए बंद करके फिर से 7 सेकेंड के लिए चालू किया गया. इस परीक्षण के दौरान इंजन के सारे पैरामीटर सामान्य और अपेक्षा के अनुरूप दिखे, जिससे यह परीक्षण सफल साबित हुआ.
पहले भी किया गया परीक्षण
बता दें कि ISRO ने इंजन के रीस्टार्ट की प्रक्रिया को अधिक बेहतर बनाने के लिए कई बार परीक्षण किए. इससे पहले पिछले साल दिसंबर 2024 में भी इसका एक छोटा सा परीक्षण किया गया था. इस दौरान इंजन को 42 सेकेंड्स के लिए बंद किया गया था और फिर 7 सेकेंड्स के लिए इसे वापस चालू किया गया. बता दें कि ISRO आने वाले दिनों में और भी परीक्षण करने वाला है, जिससे भविष्य में वाहनों की लॉन्चिंग के लिए इंजन की स्थिरता और दोबारा इस्तेमाल करने की क्षमता में काफी सुधार हो सकता है.
LVM3-M5 मिशन की हो रही तैयारी
बता दें कि अपने दूसरे मिशन के तहत ISRO ने अपने आने वाले LVM3-M5 अभियान के लिए कोर लिक्विड स्टेज L110 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में भेजा है. इसे महेंद्रगिरी स्थित ISRO के प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर की ओर से डिजाइन किया गया है. वहीं इसमें 110 टन का प्रोपल्शन लोड होगा, जिसे ट्विन इंजन के जरिए ऑपरेट किया जाएगा. बता दें कि LVM3 मिशन के तहत इस रॉकेट के जरिए एक कमर्शियल संचार सैटेलाइट को इस साल 2025 की दूसरी तिमाही तक लॉन्च कर दिया जाएगा.
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