टेलीकॉम, रिटेल के किंग बनने के बाद अब मुकेश अंबानी करेंगे आपके ‘खून की जांच’, 150 अरब डॉलर के इस बाजार पर नजर.
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मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति है. एनर्जी से लेकर एंटरटेनमेंट, टेलीकॉम से लेकर रिटेल, ग्रीन एनर्जी से लेकर पेट्रो कैमिकल तक रिलायंस का कारोबार फैला है. लगातार अपने कारोबार का विस्तार कर रहे है.
मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति है. एनर्जी से लेकर एंटरटेनमेंट, टेलीकॉम से लेकर रिटेल, ग्रीन एनर्जी से लेकर पेट्रो कैमिकल तक रिलायंस का कारोबार फैला है. लगातार अपने कारोबार का विस्तार कर रहे है. अगर सब ठीक रहा तो जल्द ही हेल्थकेयर के सेक्टर में रिलायंस बड़ा ऐलान करेगा. मुकेश अंबानी डायग्नोस्टिक सेगमेंट में बड़ा धमाका कर सकते हैं. रिलायंस समूह की निगाहें 150 अरब डॉलर के डायग्नोस्टिक मार्केट पर है.
रिलायंस की नई तैयारी
डायग्नोस्टिक सेक्टर में एंट्री के लिए रिलायंस रिटेल वेंचर्स योजना बना रही है. हिंदू बिजनसलाइन के रिपोर्ट की माने तो इस सेक्टर पर अपना दबदबा बनाने के लिए रिलायंस आने वाले दिनों में किसी डायग्नोस्टिक कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी खरीद सकता है. 150 अरब डॉलर के डायग्नोस्टिक हेल्थकेयर सेगमेंट में बड़ा दांव खेलने के लिए रिलायंस रिटेल की ओर से तैयारियां जारी है.
बड़े निवेश की तैयारी में मुकेश अंबानी
माना जा रहा है कि रिलायंस डायग्नोस्टिक सर्विस कंपनी में 1000 से 3000 करोड़ रुपये के निवेश के मैज्योरिटी स्टेक खरीदने की योजना बना रही है. कहा ये भी दा रहा है कि रिलायंस खुद की डायग्नोस्टिक कंपनी बनाकर पूरे देश में अपना नेटवर्क फैला सकती है. याद दिला दें कि साल 2020 में रिलायंस रिटेल ने नेटमेड्स में मैज्योरिटी स्टेक खरीदा था. 620 करोड़ रुपये का निवेश कर नेटमेड्स में कंपनी ने हिस्सेदारी खरीदी थी. नेटमेड्स ऑनलाइन फार्मेसी से जुड़ी हुई है. रिलायंस अपनी सब्सिडियरी नेटमेड्स के जरिए में पहले से मौजूद तो है, लेकिन अभी वो बड़े लेवल पर मौजूद नहीं है. नेटमेड्स का डायग्नोस्टिक सर्विस प्रोवाइडर्स जैसे थायरोकेयर, हेल्दियन्स आदि से टाई-अप है. कंपनी इन साझेदारियों के साथ लोगों को पैथोलॉजी की सेवाएं मुहैया कराती है.
150 अरब डॉलर का बाजार
रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस रिटेल डायग्नोस्टिक सेगमेंट में अपनी उपस्थिति को दर्ज करवाने के लिए 1000 से 3000 करोड़ रुपये तक का निवेश कर सकती है. कंपनी किसी बड़े डायग्नोस्टिक सर्विस प्रोवाइडर कंपनी में हिस्सेदारी खरीद सकती है. दरअसल कंपनी एक ऐसी डायग्नोस्टिक कंपनी को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहती है, जो खुद पैथोलॉजी टेस्ट करें, जिसके पास खुद का अपना डायग्नोस्टिक सेंटर्स हो. असके पास अच्छा रेंज, देशभर में नेटवर्क हो. हालांकि रिलायंस की ओर से फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है.
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