नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 8329626839 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें ,

Recent Comments

    test
    test
    OFFLINE LIVE

    Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

    April 18, 2025

    आदित्य-एल1 सौर मिशन: चंद्रयान-3 की तरह का प्रक्षेपण आदिम प्रोटोटाइप एल-1 में भी लैंडर रोवर की तरह विक्रम और पृथ्वी? इस रेलवे स्टेशन के बारे में जानें।

    1 min read
    😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

    आदित्य-एल1 मिशन: भारत का पहला सौर मिशन आदित्य-एल1 धरती से 15 लाख किमी दूर अंतरिक्ष में लैंग्रेंज 1 बिंदु पर स्थापित किया जाएगा। ये करीब 4 महीने में अपना सफर पूरा करेगा।
    आदित्य-एल1 मिशन लॉन्च: अब तक भारतीय वैज्ञानिक सूर्य के अध्ययन के लिए जमीन से टेलीस्कोप का सहारा लेते थे या फिर नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष शिक्षा के मिशन से मिले आंकड़े पर भरोसा करते थे, लेकिन अब भारत खुद सूरज की ओर से अध्ययन करने जा रहा है। रह रहा है. इसरो के आदित्य एल1 मिशन भारत को उन प्रमुख देशों के क्लब में शामिल कर लेंगे, जो सूर्य के अध्ययन के लिए अपने मिशन को अंतरिक्ष में भेज रहे हैं। सभी के सहयोगी शनिवार 2 सितंबर को होने वाले आदित्य एल1 के लॉन्च पर हैं।

    आदित्य एल1 को धरती से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर लैग्रेंज प्वाइंट पर स्थापित किया जाएगा। ये सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी 1 प्रतिशतवाँ भाग पर है। इसरो के मुताबिक आदित्य एल1 को तय दूरी तय करने में करीब 4 महीने का समय लगा।

    लैंडर और रोवर भी क्या होंगे?

    आदित्य एल1 की लॉन्चिंग जैसी-जैसे करीब आ रही है, वैसे ही सभी की उत्सुकता भी धूमिल जा रही है। इसके साथ ही आदित्य-एल1 अंतरिक्षयान के बारे में भी लोग जानना चाह रहे हैं। हाल ही में चंद्रयान-3 के ऐतिहासिक चंद्रमा का दर्शन अभी भी लोगों के मन में सबसे ज्यादा है, ऐसे में लोगों के मन में एक सवाल यह भी है कि क्या चंद्रयान-3 में भी विक्रम की तरह विक्रम लैंडर और प्रज्ञान की तरह है। से रोवर हैं.
    इस प्रश्न का सीधा उत्तर नहीं है. आदित्य एल1 में कोई लैंडर और रोवर नहीं है। किसी भी अंतरिक्ष यान में लैंडर और रोवर टैब भेजे जाते हैं, जब उन्हें दूसरे ग्रह या उपग्रह पर भेजा जाता है। यहां ये जरूरी है कि आदित्य-एल1 सूर्य पर नहीं जा रहा है, बल्कि पृथ्वी की तुलना में सूर्य के करीब भेजा जा रहा है।
    अंतरिक्ष में एल1 प्वाइंट पर होगा अंतरिक्ष यात्री की ‘पार्किंग’

    आदित्य एल1 को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंजियन पॉइंट के चारों ओर कक्षा में स्थापित किया गया है। इस उद्देश्य पर स्थापित करने की भी खास वजह है। इस सौरमंडल में ऐसा बिंदु है, जहां पर सूर्य और पृथ्वी एक दूसरे के गुरुत्वाकर्षण को समेटे हुए हैं। यानी यहां अगर कोई और वस्तु भेजी जाएगी, तो न तो वह पृथ्वी की तरफ गिरेगी और न ही सूरज की तरफ जाएगी। इसे पृथ्वी और सूर्य के बीच का पुरातत्व बिंदु भी कहा जाता है।

    एक बार जब आदित्य-एल1 इस आरक्षित स्थान पर पहुंचेगा, तो यह पृथ्वी के समान गति से सूर्य की लौ तक पहुंचने में सक्षम होगा। इसका मतलब यह भी है कि सैटेलाइट को संचालित करने के लिए बहुत कम जलाए जाने की आवश्यकता होगी। एल1 की स्थापना के बाद आदित्य-एल1 सूर्य का अध्ययन शुरू हुआ।

    आदित्य-एल1 अंतरिक्षयान में क्या है?

    आदित्य-एल1 को पीएसएलवी-सी57 रॉकेट से लॉन्च किया गया। 44.4 मीटर लंबे इस रॉकेट की भारोत्तोलन क्षमता 421 टन है। इसके मुहाने पर आदित्य-एल1 अंतरिक्षयान रखा गया है, जिसका वजन 1480.7 इंच है। आदित्य-एल1 में सात पेलोड लगे हैं, जिसमें 4 सीधे सूर्य पर नजर रखने वाले टुकड़े शामिल हैं, जबकि तीन अन्य एल1 बिंदु और उसके आसपास के क्षेत्र और चुंबकीय क्षेत्र का इनु (साइट पर) अध्ययन करेंगे। मिशन से सूर्य के अंदर वाले विस्फोटों की उत्पत्ति को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सकती है।

    हैं। सभी के सहयोगी शनिवार 2 सितंबर को होने वाले आदित्य एल1 के लॉन्च पर हैं।

    आदित्य एल1 को धरती से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर लैग्रेंज प्वाइंट पर स्थापित किया जाएगा। ये सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी 1 प्रतिशतवाँ भाग पर है। इसरो के मुताबिक आदित्य एल1 को तय दूरी तय करने में करीब 4 महीने का समय लगा।

    लैंडर और रोवर भी क्या होंगे?

    आदित्य एल1 की लॉन्चिंग जैसी-जैसे करीब आ रही है, वैसे ही सभी की उत्सुकता भी धूमिल जा रही है। इसके साथ ही आदित्य-एल1 अंतरिक्षयान के बारे में भी लोग जानना चाह रहे हैं। हाल ही में चंद्रयान-3 के ऐतिहासिक चंद्रमा का दर्शन अभी भी लोगों के मन में सबसे ज्यादा है, ऐसे में लोगों के मन में एक सवाल यह भी है कि क्या चंद्रयान-3 में भी विक्रम की तरह विक्रम लैंडर और प्रज्ञान की तरह है। से रोवर हैं.
    इस प्रश्न का सीधा उत्तर नहीं है. आदित्य एल1 में कोई लैंडर और रोवर नहीं है। किसी भी अंतरिक्ष यान में लैंडर और रोवर टैब भेजे जाते हैं, जब उन्हें दूसरे ग्रह या उपग्रह पर भेजा जाता है। यहां ये जरूरी है कि आदित्य-एल1 सूर्य पर नहीं जा रहा है, बल्कि पृथ्वी की तुलना में सूर्य के करीब भेजा जा रहा है।
    अंतरिक्ष में एल1 प्वाइंट पर होगा अंतरिक्ष यात्री की ‘पार्किंग’

    आदित्य एल1 को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंजियन पॉइंट के चारों ओर कक्षा में स्थापित किया गया है। इस उद्देश्य पर स्थापित करने की भी खास वजह है। इस सौरमंडल में ऐसा बिंदु है, जहां पर सूर्य और पृथ्वी एक दूसरे के गुरुत्वाकर्षण को समेटे हुए हैं। यानी यहां अगर कोई और वस्तु भेजी जाएगी, तो न तो वह पृथ्वी की तरफ गिरेगी और न ही सूरज की तरफ जाएगी। इसे पृथ्वी और सूर्य के बीच का पुरातत्व बिंदु भी कहा जाता है।

    एक बार जब आदित्य-एल1 इस आरक्षित स्थान पर पहुंचेगा, तो यह पृथ्वी के समान गति से सूर्य की लौ तक पहुंचने में सक्षम होगा। इसका मतलब यह भी है कि सैटेलाइट को संचालित करने के लिए बहुत कम जलाए जाने की आवश्यकता होगी। एल1 की स्थापना के बाद आदित्य-एल1 सूर्य का अध्ययन शुरू हुआ।

    आदित्य-एल1 अंतरिक्षयान में क्या है?

    आदित्य-एल1 को पीएसएलवी-सी57 रॉकेट से लॉन्च किया गया। 44.4 मीटर लंबे इस रॉकेट की भारोत्तोलन क्षमता 421 टन है। इसके मुहाने पर आदित्य-एल1 अंतरिक्षयान रखा गया है, जिसका वजन 1480.7 इंच है। आदित्य-एल1 में सात पेलोड लगे हैं, जिसमें 4 सीधे सूर्य पर नजर रखने वाले टुकड़े शामिल हैं, जबकि तीन अन्य एल1 बिंदु और उसके आसपास के क्षेत्र और चुंबकीय क्षेत्र का इनु (साइट पर) अध्ययन करेंगे। मिशन से सूर्य के अंदर वाले विस्फोटों की उत्पत्ति को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सकती है।

    About The Author


    Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

    Advertising Space


    स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

    Donate Now

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Copyright © All rights reserved for Samachar Wani | The India News by Newsreach.
    10:53 PM