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    April 23, 2025

    Aditya L1 Mission: धरती से टकराया सूरज से उठा भयानक तूफान, इसरो के आदित्य ने L-1 ने देखा खौफनाक नजारा।

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    सूरत की सतह से उठा भयानक सौर तूफान पिछले दिनों पृथ्वी से टकराया. इसरो के आदित्य-एल1 पर लगे पेलोड ने इस इवेंट को कैद किया.

    इसरो का आदित्य एल-1 मिशन शनिवार को पृथ्वी से टकराए भयानक सौर तूफान का गवाह बना. इस वजह से धरती के कई हिस्सों के आसमान में रंग-बिरंगी रोशनी (ऑरोरा) देखी गई. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मंगलवार को कहा कि उसने इस इवेंट को रिकॉर्ड करने की पूरी तैयारी की थी. यह धरती से टकराने वाला पिछले दो दशक का सबसे ताकतवर सौर तूफान है. आदित्य एल-1 और चंद्रयान-2, दोनों ने ही इस सोलर स्टॉर्म को रिकॉर्ड किया और सिग्नेचर दर्ज किए. इसरो ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी. एजेंसी ने बयान में कहा कि ‘आदित्य-एल1 पर मौजूद ASPEX पेलोड अब तक उच्च गति सौर पवन, उच्च तापमान सौर पवन प्लाज्मा और ऊर्जावान आयन प्रवाह दिखा रहा है… सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर – SWIS (पेलोड का एक मॉड्यूल हिस्सा) ने इस सौर विस्फोट घटना के हस्ताक्षर के रूप में सौर हवा के अल्फा कण और प्रोटॉन प्रवाह में इजाफे को कैप्चर किया है.’

    ‘सोलर इवेंट के दौरान लगातार बढ़ती रही एनर्जी’
    ISRO के मुताबिक, आदित्य एल-1 के सुपरथर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर (STEPS) ने सात एनर्जी रेंज में सोलर विंड आयनों के प्रवाह को भी मापा. एजेंसी ने कहा, ‘घटना के दौरान ऊर्जावान आयन प्रवाह में लगातार इजाफा देखा गया है.’ आदित्य एल-1 पर लगे एक्स-रे पेलोड्स (SoLEXS and HEL1OS) ने पिछले कुछ दिनों में इन इलाकों से कई X और M क्लास के फ्लेयर्स दर्ज किए हैं.

    दो दशक का सबसे ताकतवर सौर तूफान
    इसरो के मुताबिक, यह 2003 के बाद का सबसे ताकतवर जियोमैग्नेटिक तूफान था. इस दौरान सूरज पर फ्लेयर्स वाला इलाका 1859 के कैंरिंगटन इवेंट से भी बड़ा था. अपने बयान में इसरो ने कहा क‍ि ‘पिछले कुछ दिनों में X क्लास की कई सोलर फ्लेयर्स और कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) पृथ्वी से टकराए हैं. इससे हाई लैटीट्यूड वाले इलाकों में तगड़ा असर हुआ है. अगले कुछ दिन तक ऐसी घटनाएं जारी रह सकती हैं.

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