अंबानी के लिए चैलेंज बनेगा अडानी का नया प्लान! थाइलैंड की इस कंपनी से किया करार।
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अडानी ग्रुप अब पेट्रोकेमिकल बिजनेस में उतरने की तैयारी कर रही है. इसके लिए ग्रुप ने थाईलैंड की इंडोरामा रिसोर्सेज लिमिटेड के साथ करार किया है. नई कंपनी का नाम वेलोर पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड होगा.
Indorama Resources Ltd: साल 2025 में गौतम अडानी का प्लान मुकेश अंबानी के लिए मुसीबत बन सकता है. जी हां, अडानी ग्रुप ने पेट्रोकेमिकल सेक्टर में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है. अडानी ग्रुप ने थाईलैंड की इंडोरामा रिसोर्सेज लिमिटेड के साथ मिलकर पेट्रोकेमिकल बिजनेस में एंट्री करने के लिए करार किया है. बंदरगाह से लेकर पावर सेक्टर के बिजनेस से जुड़े ग्रुप ने संबंधित क्षेत्र में विस्तार के मकसद से यह कदम उठाया है.
ज्वाइंट वेंचर में अडानी और इंडोरामा की 50-50% हिस्सेदारी
अडानी एंटरप्राइजेज की तरफ से शेयर बाजार को दी गई जानकारी में कहा गया, ‘ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की सहयोगी अडानी पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड ने थाइलैंड की इंडोरामा रिसोर्सेज लिमिटेड के साथ वेलोर पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (VPL) नाम से ज्वाइंट वेंचर कंपनी के गठन के प्रोसेस को पूरा कर लिया है.’ ज्वाइंट वेंचर में अडानी पेट्रोकेमिकल्स और इंडोरामा की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी.
चार अरब डॉलर से ज्यादा के निवेश का प्लान
अडानी पेट्रोकेमिकल्स स्टेप बॉय स्टेप रिफाइनरी, पेट्रो रसायन परिसर, विशेष रसायन इकाइयों, हाइड्रोजन और संबंधित रसायन संयंत्रों और अन्य संबंधित इकाइयों को स्थापित करने के लिए गठित किया गया है. ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने 2022 में कहा था कि समूह गुजरात में पेट्रोरसायन परिसर में चार अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश करना चाहता है. कंपनी की पहली परियोजना 20 लाख टन क्षमता की पीवीसी (पॉलीविनाइल क्लोराइड) यूनिट की है. इसका निर्माण चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा.
2026 तक 10 लाख टन क्षमता वाला प्लांट विकसित होगा
पहले चरण में 2026 तक 10 लाख टन क्षमता वाले पीवीसी प्लांट का विकास किया जाएगा. उसके बाद दूसरे चरण में 2027 के शुरू में इतनी ही क्षमता की इकाई चालू की जाएगी. अमेरिकी निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट जारी होने के बाद पॉलीविनाइल क्लोराइड संयंत्र के निर्माण में देरी हुई. प्रोजेक्ट को वित्तीय चिंताओं के कारण मार्च, 2023 में रोक दिया गया था लेकिन जुलाई, 2023 में काम फिर से शुरू हुआ.
35,000 करोड़ की लागत आने का अनुमान
अडानी पेट्रोकेमिकल्स गुजरात के मूंदड़ा में एक पेट्रोरसायन संकुल विकसित कर रही है. इसमें पीवीसी संयंत्र भी शामिल है. संयंत्र के निर्माण में कुल लागत करीब 35,000 करोड़ रुपये आने का अनुमान है. इसके देश की सबसे बड़ी पीवीसी विनिर्माण सुविधा होने की उम्मीद है. नई कंपनी को 4 जनवरी 2025 को मुंबई में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के दफ्तर में पंजीकृत किया गया है.
अंबानी के लिए चुनौती कैसे?
भारत में पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज है. अब इसी सेक्टर में अडानी ग्रुप की नई कंपनी, वीपीएल की भी एंट्री हो रही है. यानी अब पेट्रोकेमिकल के बिजनेस में रिलायंस और अडानी आमने-सामने होंगे. अडानी ग्रुप की नई कंपनी ने थाईलैंड की कंपनी इंडोरामा रिसोर्सेज लिमिटेड के साथ मिलकर यह बिजनेस शुरू किया है. दोनों कंपनियां मिलकर रिलायंस को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में हैं. भारत में पेट्रोकेमिकल का बड़ा बाजार है और यह लगातार बढ़ रहा है. अगले कुछ सालों में इस बाजार के और भी बड़ा होने का अनुमान है. इसलिए, रिलायंस और अडानी दोनों का ही इस मार्केट पर फोकस है. PIB की रिपोर्ट के अनुसार 2025 तक भारत में यह कारोबार 25.20 लाख करोड़ रुपये (30,000 करोड़ डॉलर) का हो जाएगा. फिलहाल इसका साइज 18.48 लाख करोड़ रुपये का है.
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