अडानी ग्रुप 10000 करोड़ में करेगा इस कंपनी का टेकओवर! बिरला को पछाड़ने के लिए क्या है प्लान?
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अडानी ग्रुप की कंपनी अंबुजा सीमेंट हीडलबर्ग की भारतीय इकाई के अधिग्रहण का नेतृत्व करेगी. यदि यह डील पूरी होती है तो सीमेंट इंडस्ट्री में कंप्टीशन बढ़ने की उम्मीद है. देश की टॉप सीमेंट निर्माता कंपनी अल्ट्राटेक भी अपनी लीडरशिप को बनाए रखने के लिए कंपनियों का अधिग्रहण कर रहा है.
अंबुजा और एसीसी सीमेंट का अधिग्रहण करने के बाद अडानी ग्रुप सीमेंट इंडस्ट्री में लगातार कदम बढ़ा रहा है. आदित्य बिरला ग्रुप के बाद अडानी ग्रुप सीमेंट इंडस्ट्री में देश के अंदर सीमेंट का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. अब गौतम अडानी के नेतृत्व वाले ग्रुप ने सीमेंट इंडस्ट्री में अपने कारोबार बढ़ाने के लिए जर्मनी की कंपनी हीडलबर्ग मैटेरियल्स (Heidelberg Materials) के भारतीय सीमेंट कारोबार को खरीदने के लिए बातचीत शुरू कर दी है. अडानी ग्रुप की कंपनी अंबुजा सीमेंट हीडलबर्ग की भारतीय इकाई के अधिग्रहण का नेतृत्व करेगी. खबर के अनुसार यह डील करीब 1.2 बिलियन डॉलर (10,000 करोड़ रुपये) में होने की उम्मीद है.
अडानी ग्रुप दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट निर्माता समूह
यदि यह डील पूरी होती है तो सीमेंट इंडस्ट्री में कंप्टीशन बढ़ने की उम्मीद है. देश की टॉप सीमेंट निर्माता कंपनी अल्ट्राटेक भी अपनी लीडरशिप को बनाए रखने के लिए कंपनियों का अधिग्रहण कर रहा है. अडानी ग्रुप देश का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट निर्माता समूह है. साल 2022 में ग्रुप ने होल्सीम के भारतीय मार्केट का अधिग्रहण करके इस सेक्टर में एंट्री की थी. जानकारों का कहना है कि होल्सीम की तरह अडानी ग्रुप इस सौदे को भी जल्दी पूरा करना चाहता है.
हीडलबर्ग सीमेंट भारतीय बाजार में लिस्टेड कंपनी
30 जून, 2024 को अंबुजा सीमेंट के पास 18,299 करोड़ रुपये का नकद और नकद समकक्ष था. इस मामले से जुड़े शख्स ने कहा कि यदि यह अन्य दावेदारों के साथ पूर्ण बिक्री प्रक्रिया बन जाती है तो भारतीय ग्रुप इस करार से बाहर निकल सकता है. जर्मन कंपनी हीडलबर्ग सीमेंट इंडिया और जुआरी सीमेंट के नाम से भारतीय बाजार में कारोबार करती है. हीडलबर्ग सीमेंट भारतीय बाजार में लिस्टेड कंपनी है लेकिन लेकिन जुआरी सीमेंट लिस्टेड नहीं है.
हीडलबर्ग की दुनिया के 50 देशों में मौजूदगी
लिस्टेड कंपनी का मार्केट कैप 4,957 करोड़ रुपये है और यह पैरेंट कंपनी के स्वामित्व का 69.39% है. हीडलबर्ग दुनिया के सबसे बड़े सीमेंट उत्पादकों में से एक है और इसकी 50 देशों में मौजूदगी है. हीडलबर्ग ने साल 2006 में मैसूर सीमेंट, कोचीन सीमेंट और इंडोरामा सीमेंट के अधिग्रहण के साथ देश की सीमेंट इंडस्ट्री में एंट्री की थी. 2016 में इटाल्सेमेंट (Italcementi) को टेकओवर करने के बाद ग्रुप ने भारत में अपने बिजनेस को दोगुना कर दिया. कंपनी की वेबसाइट के अनुसार मौजूदा प्रोडक्शन लिमिट 14 मिलियन टन है. इस डील को लेकर अभी हीडलबर्ग और अडानी ग्रुप की तरफ से किसी तरह की जानकारी सार्वजनिक रूप से नहीं दी गई है.
कुल प्रोडक्शन लिमिट 53.5 मिलियन टन
जर्मन कंपनी एशिया-पैसेफिक रीजन के नौ देशों में कारेाबारी करती है. इसकी कुल प्रोडक्शन लिमिट 53.5 मिलियन टन है. इंडोनेशिया के बाद भारत इस सेक्टर में दूसरे नंबर पर है, जिसकी क्षमता करीब 31 मिलियन टन है. हीडलबर्ग हीडलबर्गसीमेंट इंडिया और जुआरी सीमेंट के मर्जर पर काम कर रहा है, लेकिन यह मामला स्टांप ड्यूटी पेमेंट पर अटका हुआ है. चीफ फाइनेंशिलय ऑफिसर अनिल शर्मा ने एनालिस्ट से कहा था कि हम इस पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि मर्जर FY 26 या FY 27 तक पूरा होने की उम्मीद है.
उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 140 मिलियन टन करने की लिमिट
अडानी ग्रुप ने भारत में अंबुजा सीमेंट और एसीसी को होल्सीम ग्रुप से 6 बिलियन डॉलर से ज्यादा में खरीदकर इस सेक्टर में एंट्री की थी. अंबुजा सीमेंट और एसीसी की उस समय संयुक्त उत्पादन क्षमता करीब 70 मिलियन टन थी. इसके बाद अडानी ग्रुप ने सांघी इंडस्ट्रीज और माई होम ग्रुप की पीसिंग यूनिट सहित सीमेंट इंडस्ट्री में कई अधिग्रहण किए हैं. जून में अडानी ग्रुप ने पन्ना सीमेंट इंडस्ट्रीज का अधिग्रहण करने के लिए 10,422 करोड़ रुपये की डील की. अडानी ग्रुप सीमेंट इंडस्ट्री में 2028 तक अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 140 मिलियन टन करना चाहता है.
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