समृद्धि राजमार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण का मूल्यांकन बढ़ा-चढ़ाकर बताने के आरोप में कृषि विभाग के सात लोगों को निलंबित कर दिया गया है।
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समृद्धि एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान कुओं, बागों, खेतों और मकानों का मूल्यांकन गलत तरीके से बढ़ाने पर सात लोगों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है।
परभणी: समृद्धि एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान कुओं, बागों, खेत तालाबों और घरों के मूल्यांकन में गलत तरीके से वृद्धि करने के आरोप में सात लोगों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। ये सभी अधिकारी और कर्मचारी कृषि विभाग से हैं। इस कार्रवाई से जिले के प्रशासनिक क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। जालना-नांदेड़ समृद्धि एक्सप्रेसवे परभणी जिले से होकर गुजरता है। यह कार्य एमएसआरटीसी द्वारा किया जा रहा है। यह राजमार्ग परभणी जिले से होकर 93 किलोमीटर तक गुजरता है और इसमें जिले के 47 गांव शामिल हैं। विशेष रूप से, इसमें सेलू तालुका के अधिक गांव शामिल हैं। इस राजमार्ग के लिए जिले में 933 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई है। इस राजमार्ग से मुंबई-नांदेड़ की यात्रा छोटी हो जाएगी, जिससे परभणी के लोगों को भी लाभ होगा। कुओं, कृषि तालाबों, मकानों, पेड़ों, किसानों द्वारा निर्मित पाइपलाइनों और राजमार्ग के किनारे स्थित बगीचों, सभी का मूल्यांकन वस्तुनिष्ठ तरीके से किया जाना अपेक्षित था। लेकिन, कृषि विभाग के अधिकारियों ने मूल्यांकन बढ़ाकर बड़ी गड़बड़ी कर दी है। यह बढ़ा हुआ मूल्यांकन आर्थिक कारणों से संबंधित परियोजना प्रभावित पक्षों के परामर्श से किया गया है।
सेलू तालुका कृषि अधिकारी कार्यालय ने इस बढ़े हुए मूल्यांकन की रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है। वहीं, तत्कालीन जिला कलेक्टर श्रीमती आंचल गोयल ने इस रिपोर्ट पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद गोयल ने मामले की जांच शुरू कर दी। यह रिपोर्ट राज्य सरकार को भी भेजी गई। इस मामले में राज्य सरकार के प्रकोष्ठ अधिकारियों ने उपविभागीय कृषि अधिकारी रवींद्र हर्णे समेत सात लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। प्रकोष्ठ अधिकारी नितिन शेलके द्वारा जारी इस आदेश में समृद्धि महामार्ग पर अवैध रूप से कर बढ़ाने के आरोप में उपविभागीय कृषि अधिकारी रवींद्र हरणे, सेलू तालुका कृषि अधिकारी शेरण ताजमोहम्मद पठान, मंडल कृषि अधिकारी रामप्रसाद जोगदंड, कृषि अधिकारी अशोक कदम, मंडल कृषि अधिकारी राजहंस खरात, कृषि पर्यवेक्षक दिगंबर फुलारी और कृषि पर्यवेक्षक प्रकाश लोहार समेत सात लोगों को निलंबित किया गया है।
जिन गांवों से समृद्धि राजमार्ग गुजरेगा, वहां पिछले कुछ वर्षों में बड़े पैमाने पर जमीन की खरीद-फरोख्त हुई है। इस क्षेत्र में कई लोगों ने जमीन खरीदी। संबंधित भूमि को अनियमित सिंचाई की व्यवस्था करके सिंचित दिखाया गया, जबकि कुछ स्थानों पर बाग-बगीचे दिखाए गए। इन सभी गतिविधियों में कृषि विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी सक्रिय रूप से शामिल रहे। उनके कारण ही मूल्यांकन में वृद्धि हुई। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या इन सभी आकलनों का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा।
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