दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP बनाम BJP होगी जंग, इन 9 सीटों पर होगी कड़ी टक्कर.
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दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए इस समय प्रचार अभियान जोरों पर है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा। इससे पहले आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिल रहा था। दिल्ली की नौ सीटों पर यह संघर्ष थोड़ा अधिक स्पष्ट है। क्योंकि यहां 2020 के चुनाव में जीत का अंतर 4,000 वोटों से कम था।
पांच साल पहले इन नौ सीटों में से आप ने सात सीटें जीती थीं: आदर्श नगर, शालीमार बाग, बिजवासन, कस्तूरबा नगर, छतरपुर, पटपड़गंज और कृष्णा नगर। भाजपा ने लक्ष्मी नगर और बदरपुर में जीत हासिल की, लेकिन अन्य सीटों पर वह दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी रही। इनमें से कई सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को जीत के अंतर से भी अधिक वोट मिले।
इन नौ सीटों में से लक्ष्मी नगर सीट पर 2015 में भी कड़ी टक्कर हुई थी। उस समय आप उम्मीदवार ने यहां 4,846 वोटों से जीत हासिल की थी। 2020 में भी भाजपा महज 880 वोटों के अंतर से जीती थी।
बदरपुर में भाजपा और आप के बीच मुकाबला हुआ, जिसमें भाजपा जीत गई। यहां भी जीत का अंतर 3,719 वोटों का था। यहां मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने आप के वोट ले लिये। उनके उम्मीदवार को 10,436 वोट मिले और वे कांग्रेस उम्मीदवार को हराकर तीसरे स्थान पर रहे। 2015 में आप ने यह सीट 47,583 वोटों से जीती थी।
2020 में सबसे कड़ा मुकाबला बिजवासन में हुआ, जहां आप ने 753 वोटों से जीत हासिल की। भाजपा के बाद तीसरे स्थान पर रही कांग्रेस को करीब 6,000 वोट मिले।
आदर्श नगर में करीबी मुकाबले में आप ने जीत हासिल की, लेकिन पार्टी की जीत का अंतर 2015 में 20,000 वोटों से गिरकर 2020 में 1,589 हो गया।
मनीष सिसोदिया भी बाल-बाल बचे
आप नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी पटपड़गंज सीट से बाल-बाल बच गए। 2015 में 28,000 से अधिक मतों से जीतने वाले सिसोदिया 2020 में भाजपा के खिलाफ सिर्फ 3,207 मतों से जीते। पटपड़गंज में दोनों चुनावों में दूसरे स्थान पर रही भाजपा को 2015 में 33 प्रतिशत से 2020 में 47 प्रतिशत वोट मिले।
सिसोदिया ने इस बार अपनी उम्मीदवारी की सीट बदल दी है और जंगपुरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, जिसे आप ने 2020 में 16,000 से अधिक मतों से जीता था।
शालीमार बाग और कृष्णा नगर में भी आप की जीत का अंतर कम हो गया। शालीमार बाग में वोटों की संख्या 2015 में 10,000 से अधिक से बढ़कर 2020 में 3,440 हो गई। कृष्णा नगर में आप ने 2015 में भाजपा के खिलाफ महज 4,000 वोटों के मामूली अंतर से जीत हासिल की थी, जो 2020 में घटकर 2,277 वोट रह गई।
2015 में छतरपुर में आप की जीत का अंतर 20,000 वोट था, जो 2020 में घटकर 3,720 वोट रह गया। कस्तूरबा नगर में हम 15,000 से अधिक मतों से जीते थे, यहां भी 2020 में जीत का अंतर 3,165 रहा। कांग्रेस का वोट शेयर 2015 में 12 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 21 प्रतिशत हो गया। इससे हम पर असर पड़ा है और हमारी जीत का अंतर कम हो गया है।
शालीमार बाग और कृष्णा नगर सीटों पर भी आप की जीत का अंतर कम हो गया है। शालीमार बाग में 2015 में जीत का अंतर 10,000 वोट था, जो 2020 में घटकर 3,440 हो गया। 2015 में कृष्णा नगर में आप ने भाजपा के खिलाफ जीत हासिल की थी, तब जीत का अंतर 4,000 वोटों का था, जो 2020 में घटकर 2,277 हो गया है। 2015 और 2020 दोनों चुनावों में कांग्रेस तीसरी सबसे बड़ी पार्टी थी।
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