आज रात आसमान में दिखेगा दुर्लभ धूमकेतु; 1,60,000 साल में सिर्फ एक बार मिलता है मौका!
1 min read
|








अंतरिक्ष में दिलचस्पी रखने वालों के लिए 13 जनवरी, 2025 की रात दुर्लभ खगोलीय घटना के साक्षी बनने का मौका है. G3 ATLAS (C/2024) नामक धूमकेतु सोमवार की रात सबसे चमकदार होगा, यह हर 1,60,000 साल में एक बार दिखाई देता है.
हजारों-हजार साल में सिर्फ एक बार दिखाई देने वाला धूमकेतु C/2024 G3 (ATLAS) वैज्ञानिकों को हैरान कर रहा है. यह रात के आसमान में शुक्र ग्रह जितना चमकीला हो सकता है. यह एक दुर्लभ मौका है, क्योंकि यह कॉमेट पृथ्वी के करीब से गुजरेगा और इसे नंगी आंखों या दूरबीन से देखा जा सकेगा. वैज्ञानिकों के अनुसार, यह 13 जनवरी को सबसे करीब होगा और उस रात इसे नंगी आंखों से देखा जा सकेगा. यह आसमान में 14 जनवरी तक देखा जा सकता है. C/2024 G3 (ATLAS) कॉमेट 160,000 साल में एक बार ही नजर आता है.
NASA के एस्टेरॉयड टेरिस्ट्रियल-इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम (ATLAS) ने अप्रैल 2024 में 600 मिलियन किलोमीटर दूर इस कॉमेट को खोजा था. शुरुआत में वैज्ञानिकों को लगा कि सूर्य के करीब आते ही यह कॉमेट टूट जाएगा, लेकिन बाद में पता चला कि इसका 160,000 साल का लंबा ऑर्बिट इसे बचाए रखेगा और यह पृथ्वी के करीब से सुरक्षित रूप से गुजरेगा.
सबसे चमकदार कॉमेट
यह कॉमेट उम्मीद से ज्यादा चमकदार हो रहा है. आमतौर पर, जब कोई कॉमेट सूर्य के करीब आता है और टूटने लगता है, तो उसकी चमक थोड़े समय के लिए बढ़ती है और फिर घट जाती है. लेकिन **C/2024 G3** की चमक लगातार बनी हुई है, जो यह संकेत देता है कि यह अब तक सही सलामत है. यदि यह कॉमेट सूर्य के करीब पहुंचने के बाद भी बचा रहता है, तो यह शुक्र ग्रह जितना चमकीला हो सकता है. इससे यह कॉमेट दशकों में सबसे अधिक चमकने वाले कॉमेट्स में से एक बन सकता है.कब नजर आएगा?
खगोलविदों के अनुसार, यह कॉमेट 13 जनवरी को सुबह 10:17 GMT (भारतीय समयानुसार दोपहर 3.47 बजे) पर सूर्य के सबसे करीब होगा. उसी दिन, यह पृथ्वी के पास से भी गुजरेगा. इसे देखने का सबसे अच्छा मौका 12 से 14 जनवरी के बीच होगा.
सुबह का समय: 12 जनवरी को सूर्योदय से आधा घंटा पहले.
शाम का समय: 14 जनवरी को सूर्यास्त के आधे घंटे बाद.
उत्तरी गोलार्ध (जैसे अमेरिका और यूरोप) में लोग इसे दूरबीन से देख सकते हैं. यह सूरज से लगभग 5 डिग्री ऊपर या क्षितिज के थोड़ा ऊपर दिखेगा.
हालांकि कॉमेट की चमक का सटीक अनुमान लगाना मुश्किल है. यह या तो सूर्य के प्रकाश को अच्छे से प्रतिबिंबित करके चमकीला दिख सकता है, या सूर्य की रोशनी के कारण धुंधला हो सकता है. खगोलविदों ने फॉरवर्ड स्कैटरिंग नामक एक घटना की संभावना भी बताई है, जहां कॉमेट से निकलने वाली धूल इसे सामान्य से ज्यादा चमकीला बना सकती है.
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments