किसानों की प्रगति का साथी: मनोज फर्टिलाइजर्स की प्रेरणादायक यात्रा।
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रिसोड,वाशिम, महाराष्ट्र: एक साधारण किसान परिवार में जन्मे मनोज जी ने अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत के बल पर कृषि क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। बचपन में अपने दादा जी से मिले मार्गदर्शन और आत्मविश्वास के कारण आज वे “मनोज फर्टिलाइजर्स” के संस्थापक के रूप में किसानों की सेवा कर रहे हैं।
शिक्षा और शुरुआती संघर्ष
मनोज जी का जन्म महाराष्ट्र के एक छोटे से गाँव कोयाळी जाधव में हुआ। चौथी कक्षा तक की शिक्षा गाँव में पूरी करने के बाद, उन्होंने अपनी पढ़ाई रिसोड के श्री.शिवाजी विद्यालय में जारी रखी। दसवीं से बारहवीं तक की शिक्षा उन्होंने मालेगांव के ना.ना. मुंदड़ा विद्यालय में प्राप्त की। हालाँकि, इस दौरान अध्ययन में कम ध्यान देने के कारण वे बारहवीं में अनुत्तीर्ण हो गए।
लेकिन उनके चाचा श्री.भागवतराव जाधव ने उनका हौसला बढ़ाया और उन्हें दोबारा रिसोड के श्री.शिवाजी विद्यालय में दाखिला दिलवाया। यहीं से उनकी जिंदगी ने एक नया मोड़ लिया। इसके बाद उन्होंने डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ, आनंद निकेतन कृषि महाविद्यालय, आनंदवन वरोरा से बी.एस.सी (एग्रीकल्चर) की डिग्री हासिल की।
उद्यमिता की ओर पहला कदम
अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, मनोज जी ने एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम किया, जहाँ उन्होंने खाद, बीज और कीटनाशकों के क्षेत्र में अनुभव प्राप्त किया। हमेशा से आत्मनिर्भर बनने की इच्छा रखने वाले मनोज जी ने अपनी पत्नी के सहयोग से “मनोज फर्टिलाइजर्स” की नींव रखी।
हालाँकि, शुरुआती दिनों में परिवार ने नौकरी छोड़कर व्यवसाय करने के उनके निर्णय का विरोध किया, लेकिन उनकी पत्नी ने हमेशा उनका साथ दिया और हर कठिनाई में उनके आत्मविश्वास को बनाए रखा।
किसानों के लिए समर्पण और नवाचार
मनोज जी ने किसानों की जरूरतों को समझते हुए पाया कि बाजार में सही मार्गदर्शन की कमी है। उन्होंने किसानों को कीटनाशक, फफूंदनाशक और स्टिम्युलेंट्स के उचित उपयोग के बारे में जागरूक किया। “पिकासोबत बोला, शेती नियोजनाने करा!” (फसलों से बात करें, खेती योजना के साथ करें) यह मंत्र अपनाकर उन्होंने गाँव-गाँव जाकर किसानों को प्रशिक्षित किया।
उनके नेतृत्व में “मनोज फर्टिलाइजर्स” की एक समर्पित टीम तैयार हुई, जो किसानों को फसल पोषण, जल प्रबंधन और कीट-रोग नियंत्रण में मदद करती है। किसानों के विश्वास और टीम की मेहनत के बल पर आज मनोज फर्टिलाइजर्स रिसोड और शेणगांव तालुका के साथ-साथ वाशिम शहर में भी अपनी सेवाएँ दे रहा है।
एक मराठी उद्यमी की सफलता की कहानी
मनोज फर्टिलाइजर्स की सफलता की कहानी केवल मनोज जी की नहीं, बल्कि उनकी पूरी टीम और उन किसानों की है, जिन्होंने उन पर भरोसा किया। उनका मानना है कि किसानों की प्रगति में ही उनकी सफलता है। एक छोटे से गाँव से शुरू हुआ यह सफर आज महाराष्ट्र भर में अपनी पहचान बना चुका है।
मनोज जी की यह कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो आत्मनिर्भर बनने का सपना देखता है। उनका विश्वास है कि अगर मेहनत और ईमानदारी से काम किया जाए, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
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