बचतकर्ताओं से लेकर निवेशकों तक का देश, इष्टतम परिवर्तन; पीएफआरडीए के मोहंती ने बदलती वित्तीय तस्वीर पर टिप्पणी की।
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हम बचतकर्ताओं के देश से निवेशकों के देश में परिवर्तित हो रहे हैं।
नई दिल्ली:- बचतकर्ताओं का देश से निवेशकों का देश बनने की दिशा में हमारा परिवर्तन जारी है। पेंशन फंड नियामक ‘पीएफआरडीए’ के चेयरमैन दीपक मोहंती ने मंगलवार को यहां अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि देश की आर्थिक और वित्तीय स्थिति का बदलता आयाम सामने आ रहा है। मोहंती भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा वित्त पर आयोजित एक सम्मेलन में बोल रहे थे।
मोहंती ने बताया कि घरेलू वित्तीय संपत्तियों में नकदी और बैंक जमा की मात्रा घट रही है। उन्होंने कहा कि जहां घरेलू वित्तीय संपत्तियों में नकदी और बैंक जमा में गिरावट आई है, वहीं बांड और शेयरों में निवेश हाल के दिनों में बढ़ा है। इसके साथ ही सामाजिक सुरक्षा, बीमा और पेंशन फंड के लिए छोटी बचत योजनाओं जैसी वित्तीय बचत में भी लगातार वृद्धि हुई है। यह देश की वित्तीय व्यवस्था में बढ़ते भरोसे को दर्शाता है।’ यह बढ़ती वित्तीय साक्षरता और व्यापक निवेश अवसरों का भी प्रतिफल है।
अगले 25 वर्षों में हम उच्च आय वाला देश बनने का सपना देखते हैं। इसके लिए हमें 8 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर बनाए रखनी होगी और भारी निवेश की आवश्यकता होगी। बचत को निवेश में प्रभावी रूप से परिवर्तित करना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे हम विकास दर के निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने में सफल होंगे. मोहंती ने कहा कि हमें 8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के लिए हर साल निवेश की दर सकल घरेलू उत्पाद के 36 प्रतिशत पर बनाए रखनी होगी।
जोखिम लेने की प्रवृत्ति बढ़ी
भारतीयों का वित्तीय व्यवहार जोखिम से बचने की बजाय जोखिम लेने की ओर स्थानांतरित हो गया है। देश में डीमैट खातों की बढ़ती संख्या, म्यूचुअल फंड में बढ़ती ‘एसआईपी’, खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी आदि इसी के संकेत हैं। डिजिटल गोल्ड, रिट, ग्रीन बॉन्ड और वर्चुअल करेंसी जैसे निवेश विकल्पों की ओर रुझान बढ़ रहा है।
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