Himachal Tourism: एचपीटीडीसी के हर होटल और रेस्तरां में परोसी जाएगी हिमाचली धाम |
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पर्यटन विकास निगम के रसोइये चंबा, मंडी, कांगड़ा, बिलासपुर और हमीरपुर के बोटियों (स्थानीय शादी समारोहों में खाना बनाने वाले) से धाम बनाने का प्रशिक्षण लेंगे।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के सभी होटलों और रेस्टोरेंट में हिमाचली थाली के बाद अब हिमाचल की परंपरागत धाम परोसी जाएंगी। पर्यटन विकास निगम के रसोइये चंबा, मंडी, कांगड़ा, बिलासपुर और हमीरपुर के बोटियों (स्थानीय शादी समारोहों में खाना बनाने वाले) से धाम बनाने का प्रशिक्षण लेंगे। परंपरागत बलटोही (चरोटी) पीतल के बड़े बर्तन में धाम तैयार की जाएगी। सस्ती दरों पर लजीज परंपरागत व्यंजन सैलानियों को उपलब्ध करवाए जाएंगे।
दिल्ली और चंडीगढ़ स्थित हिमाचल भवन और हिमाचल सदन में भी हिमाचली धाम उपलब्ध करवाई जाएगी। एचपीटीडीसी की समीक्षा बैठक में चेयरमैन रघुवीर सिंह बाली ने इसे लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इससे पहले पर्यटन विकास निगम ने शिमला के होटल हॉलीडे होम और आशियाना रेस्टोरेंट में सैलानियों को हिमाचली सिड्डू घी के साथ परोसने का भी प्रयोग किया था, जिसे सैलानियों ने खासा पसंद किया था। बाली ने अधिकारियों को निगम के होटलों की आवश्यक मरम्मत करने, सोशल मीडिया पर प्रचार तेज करने के भी निर्देश दिए। बाली ने कहा कि निगम के होटलों को पांच सितारा होटलों की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
क्या है बलटोही या चरोटी
बलटोही पीतल के मटके के आकार का बड़ा बर्तन होता है। इसमें तैयार व्यंजन बेहद स्वादिष्ट होते हैं। 15 किलो से 45 किलो तक भार वाले इस बर्तन का बाजार में मूल्य 25,000 रुपये तक है
मुनाफे में आया निगम, टर्न ओवर 100 करोड़ पार
पर्यटन विकास निगम का टर्न ओवर पहली बार 107.13 करोड़ पहुंचा है। इसमें निगम को 3.43 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ है। निगम की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए चेयरमैन बाली ने निगम के प्रबंध निदेशक अमित कश्यप की पीठ थपथपाई। इस वित्त वर्ष में कर्मचारियों की वेतन बढ़ोतरी पर करीब 6 करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय हुए हैं। इसे जोड़ दिया जाए तो निगम का मुनाफा करीब 10 करोड़ पहुंच जाता है।
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