इस छोटे से डिवाइस के इस्तेमाल से PM Modi देते हैं बेझिझक लंबा भाषण, जानिए कैसे काम करता है ये और कितनी है इसकी कीमत।
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प्रधानमंत्री मोदी के धाराप्रवाह भाषणों का श्रेय इस तकनीक को दिया जाता है, जिस पर विपक्षी दल कई बार सवाल उठा चुके हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी किसी बड़े मंच से देश या दुनिया को संबोधित करते हैं, तो उनका आत्मविश्वास और धाराप्रवाह बोलने का तरीका हर किसी को प्रभावित करता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वे इतने लंबे और सटीक भाषण बिना अटके कैसे दे पाते हैं?
दरअसल कई बार विपक्षी नेताओं ने उनके इस आत्मविश्वास के पीछे एक तकनीकी डिवाइस टेलीप्रॉम्प्टर को जिम्मेदार ठहराया है. ये छोटा-सा डिवाइस देखने में जितना सामान्य लगता है उतना ही कमाल का काम करता है.
क्या है टेलीप्रॉम्प्टर?
टेलीप्रॉम्प्टर एक ऐसा डिवाइस है जिसे कैमरे के सामने एक ट्रांसपैरेंट ग्लास के रूप में लगाया जाता है. इस डिवाइस में भाषण के दौरान जो शब्द बोले जा रहे हैं वो नीचे से ऊपर की ओर स्क्रॉल करते रहते हैं. स्पीच देने वाला व्यक्ति सीधे उस ग्लास पर देखकर अपने शब्द पढ़ता है, जिससे वह दर्शकों की आंखों में आंखें डालकर बोलता नजर आता है, जबकि असल में वो स्क्रिप्ट पढ़ रहा होता है.
यही वजह है कि जब पीएम मोदी भाषण देते हैं और उनके सामने एक कांच जैसा पैनल दिखता है, तो कई लोग भ्रमित हो जाते हैं कि शायद वह उनकी सुरक्षा के लिए लगाया गया है. लेकिन असल में वही टेलीप्रॉम्प्टर होता है.
कौन चलाता है ये डिवाइस?
इस डिवाइस को यानी टेलीप्रॉम्प्टर को या तो स्पीच देने वाला इंसान खुद से कंट्रोल करता है या फिर कैमरे के पीछे बैठा कोई टेक्निकल एक्सपर्ट उसे ऑपरेट करता है. कई बार जरूरत पड़ने पर ऑपरेटर इन शब्दों की गति को तेज या धीमा करता है ताकि वक्ता आराम से पढ़ सके.
कितनी होती है इसकी कीमत?
अब बात करते हैं कीमत की, तो टेलीप्रॉम्प्टर की कोई एक तय कीमत नहीं होती. इसकी कीमत इस पर निर्भर करती है कि डिवाइस की क्वालिटी, साइज और ब्रांड क्या है. लेकिन अगर बेसिक मॉडल लेना हो, तो इसकी शुरुआती कीमत करीब 50,000 रुपये से शुरू होती है. हाई-एंड मॉडल्स की कीमत लाखों रुपये तक जा सकती है.
हालांकि प्रधानमंत्री मोदी के इस्तेमाल में आने वाले टेलीप्रॉम्प्टर की कीमत को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन ये जरूर कहा जा सकता है कि वो एक बेहद हाईटेक तकनीक वाला डिवाइस है जो उनके भाषण को और प्रभावी बना देता है.
विपक्षी दलों उठा चुकी है पीएम मोदी के टेलीप्रॉम्प्टर इस्तेमाल पर उठाए
विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री मोदी के टेलीप्रॉम्प्टर के इस्तेमाल पर कई बार सवाल उठाए हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जनवरी 2022 में दावोस समिट के दौरान पीएम मोदी के भाषण में तकनीकी खराबी आने पर ट्वीट किया था, ‘इतना झूठ टेलीप्रॉम्प्टर भी नहीं झेल पाया’. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि पीएम मोदी टेलीप्रॉम्प्टर के जरिये भाषण देते हैं और उनकी बातें वास्तविकता से दूर होती हैं.
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी 2019 में पीएम मोदी के अंग्रेजी में टेलीप्रॉम्प्टर से भाषण देने पर टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी बिना टेलीप्रॉम्प्टर के अंग्रेजी नहीं बोल सकते.
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