बच्चों को खुलवाया है बैंक अकाउंट…RBI ने जारी किए नए दिशा-निर्देश, यहां पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
1 min read
|








इन नए नियमों का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि बच्चे छोटी उम्र से ही पैसों की समझ रखें, जिम्मेदार तरीके से उनका उपयोग करें और धीरे-धीरे फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस की ओर बढ़ें.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बच्चों के बैंक खातों को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिससे अब बच्चों को छोटी उम्र से ही बचत और फाइनेंशियल प्लानिंग की आदत डालने में मदद मिलेगी. इन नए नियमों के अनुसार, अब कोई भी नाबालिग (किसी भी उम्र का बच्चा) अपने माता-पिता या लीगल गार्जियन की मदद से सेविंग्स या टर्म डिपॉज़िट अकाउंट खोल सकता है. खास बात यह है कि मां को भी गार्जियन के तौर पर मान्यता दी गई है, जैसा कि RBI ने पहले 1976 के एक पुराने सर्कुलर में भी साफ किया था.
क्या हैं नए दिशा-निर्देश
अगर कोई बच्चा 10 साल या उससे बड़ा है, तो वह अपनी इच्छा से खुद भी सेविंग्स या टर्म डिपॉज़िट अकाउंट खोल और उसे ऑपरेट कर सकता है. लेकिन इसके लिए बैंक अपनी रिस्क मैनेजमेंट पॉलिसी के तहत कुछ शर्तें और लिमिट तय करेंगे, जिन्हें स्पष्ट रूप से उस बच्चे को समझाना भी ज़रूरी होगा.
जैसे ही बच्चा 18 साल का यानी बालिग हो जाता है, बैंक को उससे नया ऑपरेटिंग इंस्ट्रक्शन और हस्ताक्षर (सिग्नेचर) लेना होगा. अगर खाता पहले उसके माता-पिता या गार्जियन चला रहे थे, तो बैंक बैलेंस की पुष्टि भी करेगा. इसके लिए बैंक पहले से ही संबंधित जानकारी बच्चों और उनके अभिभावकों को उपलब्ध कराएंगे, ताकि यह प्रक्रिया आसानी से पूरी हो सके.
बच्चों को मिलेंगी ये सुविधाएं
इसके अलावा, बैंक चाहें तो बच्चों को इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम/डेबिट कार्ड और चेक बुक जैसी सुविधाएं भी दे सकते हैं, बशर्ते वह बैंक की पॉलिसी, प्रोडक्ट की उपयुक्तता और ग्राहक की प्रोफाइल के अनुरूप हो. हालांकि, यह भी साफ किया गया है कि बच्चों के खाते में ओवरड्राफ्ट की सुविधा नहीं होगी और खाते में हमेशा पॉज़िटिव बैलेंस रहना अनिवार्य है.
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments