नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 8329626839 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें ,

Recent Comments

    test
    test
    OFFLINE LIVE

    Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

    April 19, 2025

    ‘अगर तुम्हें इतनी शर्म आती है…’; अनुराग कश्यप ने फिल्म ‘फुले’ को लेकर सेन्सॉर बोर्ड के कान खड़े कर दिए।

    1 min read
    😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

    अनुराग कश्यप ने आखिरकार विवादास्पद फिल्म के बारे में थोड़ी स्पष्टता से बात की। क्या आपने देखा कि उन्होंने स्पष्ट राय व्यक्त करते हुए वास्तव में क्या कहा? कला जगत में इसी बात पर चर्चा हो रही है…

    पिछले कुछ वर्षों में कलाकारों ने कला जगत में अपनी कृतियां प्रस्तुत की हैं, कुछ संवेदनशील मुद्दों को अपने तरीके से उठाया है, लेकिन सेन्सॉर बोर्ड ने लगातार उनकी कला को दबाने की कोशिश की है। अब इसमें एक और विषय जुड़ गया है और यह विषय है आने वाली फिल्म ‘फुले’।

    अपने तीखे विचारों के लिए मशहूर निर्माता-निर्देशक अनुराग कश्यप भी अनंत महादेवन द्वारा निर्देशित फिल्म को लेकर उठे विवाद में कूद पड़े हैं और उन्होंने पूरी स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। कई लोगों ने इस फिल्म की आलोचना की है, जिसमें प्रतीक गांधी और पत्रलेखा मुख्य भूमिका में हैं, और कहा है कि यह सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दे रही है। इसी तर्ज पर सेन्सॉर बोर्ड ने भी निर्देश दिया है कि फिल्म रिलीज होने से पहले उक्त दृश्यों को फिल्म से काट दिया जाए। जिसके चलते सोशल मीडिया पर कुछ कलाकार सेंसर की इस भूमिका की आलोचना करते नजर आए और अनुराग कश्यप की प्रतिक्रिया भी इसी का एक हिस्सा है।

    सीबीएफसी के आदेश पर फिल्म से कुछ संदर्भ पहले ही हटा दिए गए थे। हालांकि, भूमिका नहीं बदले जाने पर अनुराग ने अपनी इंस्टा स्टोरी के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर की। ‘पंजाब 95, तीस, धड़क 2, फुले…. मुझे नहीं पता कि ऐसी कितनी फिल्में हैं जो जातिवाद, क्षेत्रवाद, नस्लवाद जैसे मुद्दों पर प्रकाश डालती हैं और सेन्सॉर इन फिल्मों पर प्रतिबंध लगाता है। जो लोग अपना चेहरा आईने में देखने में भी शर्म महसूस करते हैं, इतना कि वे खुलकर बोल भी नहीं पाते… तो फिल्मों में ऐसा क्या है जो उन्हें इतना असहज कर देता है? उन्होंने पोस्ट में लिखा, “यह सब व्यर्थ है…”

    एक अन्य पोस्ट में वे लिखते हैं, ‘मेरा सवाल यह है कि जब कोई फिल्म सेन्सॉरशिप के लिए बोर्ड के पास जाती है तो वहां चार सदस्य होते हैं। तो फिर यह मामला विभिन्न संगठनों और समुदायों तक कैसे पहुंचता है? किसी को भी ऐसा करने की अनुमति नहीं है। यह पूरी व्यवस्था गड़बड़ है।’

    अनुराग ने इंस्टाग्राम पर एक और लंबा पोस्ट लिखा, जिसमें सेंसर बोर्ड की भूमिका की आलोचना की गई, जहां उनका गुस्सा फूटा। कला के क्षेत्र में आने वाली इन कठिनाइयों को देखते हुए, अब कई लोग कह रहे हैं कि भारत जैसे देश में कला पर बढ़ते प्रतिबंध अब कलाकारों का ही दमन कर रहे हैं।

    About The Author


    Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

    Advertising Space


    स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

    Donate Now

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Copyright © All rights reserved for Samachar Wani | The India News by Newsreach.
    11:13 AM