AI का करिश्मा! पूरी तरह ऑटोमेटेड IVF सिस्टम से पैदा हुआ दुनिया का पहला बच्चा, जानें पूरी जानकारी।
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मेडिकल जगत में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है. दरअसल, दुनिया का पहला बच्चा पूरी तरह से AI और रोबोटिक्स बेस्ड ऑटोमेटेड IVF प्रोसेस से जन्म ले चुका है.
मेडिकल जगत में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है. दरअसल, दुनिया का पहला बच्चा पूरी तरह से AI और रोबोटिक्स बेस्ड ऑटोमेटेड IVF प्रोसेस से जन्म ले चुका है. यह नई और आधुनिक तकनीक न्यूयॉर्क और ग्वाडलाजारा स्थित बायोटेक कंपनी Conceivable Life Sciences ने विकसित की है. इसमें IVF प्रोसेस के सबसे अहम हिस्से ICSI (Intracytoplasmic Sperm Injection) को पूरी तरह ऑटोमेट किया गया है.
क्या है ICSI?
जानकारी के लिए बता दें कि अब तक ICSI प्रोसेस में एक अनुभवी एम्ब्रायोलॉजिस्ट को मैन्युअली एक-एक शुक्राणु को अंडाणु में इंजेक्ट करना होता था. यह काम 1990 के दशक से किया जा रहा है लेकिन इसमें थकान, ह्यूमन एरर और स्किल के अंतर जैसी चुनौतियां थीं. Conceivable ने इन सभी समस्याओं को AI के ज़रिए हल कर दिया है. अब 23 में से हर स्टेप AI या डिजिटल रिमोट कंट्रोल से संचालित होता है.
कैसे संभव हुआ यह IVF
जानकारी के मुताबिक, ग्वाडलाजारा के Hope IVF Mexico सेंटर में इस प्रोसेस को पूरा किया गया. एक 40 वर्षीय महिला, जिनकी पिछली IVF कोशिश असफल रही थी, उन्होंने डोनर एग्स का इस्तेमाल किया. 5 अंडाणुओं में से 4 को सफलतापूर्वक AI से फर्टिलाइज़ किया गया. इनमें से एक ब्लास्टोसिस्ट बनकर पूरी तरह विकसित हुआ जिसे बाद में ट्रांसफर किया गया और इससे एक स्वस्थ बच्चे का जन्म हुआ.
AI ने किए ये सारे काम
आपको बता दें कि इस पूरे प्रोसेस में एआई ने कई सारे कामों को अपने आप ही किया है.
१. सबसे उपयुक्त शुक्राणु को AI ने खुद चुना.
२. लेज़र की मदद से उसे स्थिर (immobilize) किया.
३. फिर बड़ी सटीकता से उसे इंजेक्शन पिपेट में रखकर अंडाणु में डाला.
४. ये सभी स्टेप्स बेहद सटीकता और consistency के साथ किए गए जो इंसानी
ऑपरेटर के लिए हमेशा संभव नहीं होता.
रिमोट कंट्रोल से हुआ ऑपरेशन
इस पूरी प्रक्रिया को दूर से कंट्रोल किया गया, जहां न्यूयॉर्क और ग्वाडलाजारा में बैठे विशेषज्ञों ने डिजिटल इंटरफेस के जरिए कमांड्स दिए. कुल 115 स्टेप्स में 5 अंडाणुओं को फर्टिलाइज़ किया गया और हर अंडाणु पर औसतन 10 मिनट का समय लगा. भले ही यह समय परंपरागत ICSI से थोड़ा ज्यादा था लेकिन भविष्य में इसे और तेज़ बनाया जा सकेगा.
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