नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 8329626839 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें ,

Recent Comments

    test
    test
    OFFLINE LIVE

    Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

    April 16, 2025

    दुनिया में सबसे पहले कब शुरू हुआ था ट्रेड वॉर? इस देश का था सबसे बड़ा हाथ।

    1 min read
    😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

    इस वक्त अमेरिका की टैरिफ नीति के तहत चीन के साथ टैरिफ वॉर की परिस्थिति उत्पन्न हो रही है. चलिए जानें कि आखिर पहला टैरिफ वॉर कब हुआ था.

    आज के दौर में पूरी दुनिया की इकोनॉमी एक-दूसरे से जुड़ी हुई है. ऐसे में अगर एक देश किसी भी तरह का कोई आर्थिक फैसला लेता है तो उसका असर दुनिया पर देखने को मिलता है. पिछले कई साल में ट्रेड वॉर को लेकर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बहुत बहस देखने को मिली है. हाल ही में अमेरिका की टैरिफ नीति के बाद चीन ने प्रतिक्रिया दी तो अमेरिका ने उस पर 104 फीसदी का टैरिफ लगा दिया है. ऐसे में ट्रेड वॉर पैदा होने की स्थिति बन रही है. आइए जानते हैं कि आखिर ट्रेड वॉर क्या चीज है और पहला ट्रेड वॉर किन देशों के बीच हुआ था.

    ट्रेड वॉर क्या है
    ट्रेड वॉर उस स्थिति में होती है, जब दो या दो से अधिक देश एक-दूसरे पर टैरिफ (इंपोर्ट टैक्स) लगाकर व्यापार से संबंधित पाबंदिया लगा देता है. यही सिलसिला जब जवाबी कार्रवाई के रूप में आगे बढ़ जाता है तो इसे ही ट्रेड वॉर कहा जाता है. यह उस स्थिति में शुरू होता है, जब किसी देश को लगता है कि सामने वाले देश उसके खिलाफ अनुचित व्यापारिक नीतियां अपना रहा है. यह उस स्थिति में भी होता है, जब कोई देश बहुत कम दाम पर अपने प्रोडक्ट्स दूसरे देशों में बेचता है और वहां के लोकल प्रोडक्ट्स को नुकसान पहुंचता है.

    सबसे पहले कब हुआ था ट्रेड वॉर
    साल 1653 के आसपास सबसे पहले एंग्लो-डच के बीच व्यापार युद्ध की शुरुआत हुई थी. सबसे पहले अंग्रेज यानि इंग्लैंड के लोग डच व्यापारी शिपिंग पर हमला कर देते थे. पहले तो ये हमले छोटे-छोटे रहे होंगे, लेकिन बाद में इसने युद्ध का रूप ले लिया. दूसरा एंग्लो-डच युद्ध समुद्र और व्यापार मार्गों पर नियंत्रण के लिए हुआ था. जहां इंग्लैंड ने तीव्र यूरोपीय वाणिज्यिक प्रतिद्वंद्विता की अवधि के दौरान विश्व के व्यापार पर से डच वर्चस्व को समाप्त करने की कोशिश की थी.

    ट्रेड वॉर का विश्व पर प्रभाव
    जब दुनिया में ट्रेड वॉर चलता है तो आयात शुल्क की वजह से चीजें महंगी हो जाती है. इसका असर सीधा आम आदमी की जेब पर देखने को मिलता है. उदाहरण के लिए अगर अमेरिका में चीन से इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स आते हैं और अमेरिका इन प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लगाता है तो ये सभी अमेरिका में महंगे मिलेंगे. आज के दौर में प्रोडक्ट्स असेंबल होकर बनते हैं, मतलब कई देशों के सहयोग से बनाए जाते हैं. ऐसे में किसी एक देश पर टैरिफ लगाने से पूरी ग्लोबल चेन बिगड़ेगी. इससे प्रोडक्शन में देरी तो होगी साथ ही साथ खर्च भी ज्यादा आएगा तो बिकेगा भी ज्यादा कीमत पर. कुल मिलाकर ऐसी परिस्थिति में गाज आम आदमी की जेब पर गिरेगी.

    About The Author


    Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

    Advertising Space


    स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

    Donate Now

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You may have missed

    Copyright © All rights reserved for Samachar Wani | The India News by Newsreach.
    5:08 AM