महाराष्ट्र में भारत का सबसे बड़ा निवेश! 30 लाख लोगों को मिलेगी नौकरी; 1.50 लाख रुपए का अनुबंध 470000000.
1 min read
|








मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा 4 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए हैं। इससे महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा और 25 से 30 लाख युवाओं को नौकरी मिलेगी।
मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने देश के सबसे बड़े समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि इस दौरान 4 लाख 7 हजार करोड़ रुपए के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। जियो वर्ल्ड सेंटर में आयोजित इंडिया ग्लोबल फोरम 2025 कार्यक्रम में विभिन्न समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
एमएमआरडीए ने विद्युत मंत्रालय की महारत्न कंपनी आरईसी लिमिटेड, विद्युत वित्त निगम, आवास एवं शहरी विकास निगम (हुडको), भारतीय रेलवे वित्त निगम, राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा एवं विकास वित्त पोषण बैंक जैसी कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। मिनीरत्न, महारत्न और नवरत्न कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने से इस समझौता ज्ञापन का महत्व और बढ़ गया है। यह समझौता ज्ञापन एमएमआर (मुंबई महानगर क्षेत्र) में बुनियादी ढांचे के विकास को गति देगा। पिछले तीन वर्षों में दावोस में विश्व आर्थिक मंच पर 20 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए हैं, जो एक बहुत बड़ा रिकॉर्ड है। इस वर्ष एमएमआरडीए ने दावोस में 3.5 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर उसे क्रियान्वित किया है। उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन से मुंबई और उसके आसपास के क्षेत्रों के विकास को काफी बढ़ावा मिलेगा।
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि भारत अब एक वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) केंद्र के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि बंगलूर, हैदराबाद, पुणे और गुड़गांव में 1,500 से अधिक जीसीसी कार्यरत हैं। गूगल, अमेज़न, गोल्डमैन सैक्स और जेपी मॉर्गन जैसी विश्व भर की प्रमुख कम्पनियों के भारत में जी.सी.सी. कार्यरत हैं। आज पुणे में एक नया GCC लॉन्च किया गया है, जो भारत के युवाओं को दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों के साथ काम करने का अवसर देगा। जी.सी.सी. के माध्यम से भारत की क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर बढ़ाया जा रहा है।
लाखों भारतीय इंजीनियरों, आईटी विशेषज्ञों और कुशल युवाओं को जीसीसी में अवसर मिल रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स और डेटा एनालिटिक्स जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में भारत को वैश्विक नेता बनाने का अवसर है। एमएमआर क्षेत्र का लक्ष्य 2030 तक 300 बिलियन डॉलर की जीडीपी तक पहुंचना है। इसके लिए 135 बिलियन डॉलर के निवेश की आवश्यकता है। इससे 28 से 30 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। राज्य ने पिछले तीन वर्षों में निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाया है। विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे, कुशल जनशक्ति और मजबूत शासन ने महाराष्ट्र को अंतर्राष्ट्रीय और स्थानीय व्यवसायों के लिए एक पसंदीदा स्थान बना दिया है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, लॉजिस्टिक्स, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग, एआई, हेल्थटेक और एडटेक जैसे क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
ये सभी पहल भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। जी.सी.सी. तथा अन्य व्यापार एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में प्रगति से भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। उपमुख्यमंत्री शिंदे ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र वर्तमान और भविष्य के निवेश के लिए एक खुला और आकर्षक क्षेत्र है।
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments