महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रतिबंधित प्लास्टिक के मामले में निर्माताओं और वितरकों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
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महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अब निर्माताओं और वितरकों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है।
नासिक – प्रतिबंधित प्लास्टिक के मामले में अंतिम तत्व यानी छोटे विक्रेताओं के खिलाफ कई दंडात्मक कार्रवाई करने के बावजूद कोई वास्तविक प्रभाव नहीं पड़ता है, इसलिए महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अब निर्माताओं और वितरकों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
गुरुवार को नासिक के दौरे पर आए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष सिद्धेश कदम ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने नगर निगम में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से संबंधित विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की। नगर निगम आयुक्त मनीषा खत्री सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कदम ने बताया कि आगामी कुंभ मेले के दौरान गोदावरी नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मिलकर काम करेंगे। गोदावरी को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए नगर निगम ने सहायक नदियों और नालों से अपशिष्ट जल के उपचार और परिवहन के लिए एक कार्य योजना तैयार की है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस कार्य में नगर निगम को पूरा सहयोग दिया जाएगा।
जल प्रदूषण के बारे में गलत जानकारी देने वालों के खिलाफ कार्रवाई
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि गोदावरी नदी का पानी प्रदूषित नहीं है। कदम ने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में नदी प्रदूषण के बारे में गलत जानकारी दी गई तो कार्रवाई की जाएगी।
नगर आयुक्त को प्रशस्ति पत्र एवं प्रशासन के कार्यों की सराहना
नगर निगम में करीब तीन साल से कोई जनप्रतिनिधि नहीं है। वहां एक प्रशासनिक व्यवस्था है। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष सिद्धेश कदम मनीषा खत्री के नेतृत्व में किए जा रहे कार्यों से प्रभावित हैं, जिन्होंने कुछ महीने पहले ही नगर आयुक्त और प्रशासक का पद संभाला था। उन्होंने प्रशंसा पत्र देते हुए कहा कि यद्यपि नगर निगम में कोई निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं है, फिर भी खत्री के नेतृत्व में प्रशासन अच्छा काम कर रहा है।
गुरुवार को नासिक दौरे पर आए कदम ने नगर निगम का दौरा किया और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से संबंधित विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की। बैठक में दैनिक ठोस अपशिष्ट संग्रहण, उसके प्रसंस्करण तथा इस प्रक्रिया की वास्तविक समय निगरानी प्रणाली का प्रदर्शन किया गया। कुंभ मेले की पृष्ठभूमि में गोदावरी नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए एक योजना प्रस्तुत की गई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष कदम नगर निगम के समग्र प्रबंधन से हैरान थे। मीडिया से बातचीत करते हुए वे इस मामले को बताकर अप्रत्यक्ष रूप से प्रशासनिक व्यवस्था का समर्थन करते नजर आए।
नासिक नगर निगम आयुक्त मनीषा खत्री के नेतृत्व में अच्छा काम कर रहा है। अपशिष्ट संग्रहण एवं प्रसंस्करण का कार्य उचित ढंग से किया जा रहा है। गोदावरी सहित अन्य सहायक नदियों के प्रदूषण को रोकने के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है। नासिक नगर निगम, मुंबई और पुणे नगर निगमों की तुलना में कई अलग पहलों को लागू करता है। अन्य नगर निगमों को नासिक के उदाहरण का अनुसरण करना चाहिए। ये चीजें बहुत सरल होने के साथ-साथ महंगी भी नहीं हैं। अन्यत्र केवल योजना ही बनाई जा रही थी। प्रस्ताव बनाये जाते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य तब तक सार्थक नहीं होता जब तक कि उसके परिश्रम का फल न मिल जाए। कदम ने कहा कि भविष्य में नासिक नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मिलकर बेहतर दृष्टिकोण से काम करेंगे।
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