सकारात्मक भारत-चीन संबंध ही एकमात्र विकल्प; चीनी विदेश मंत्री ने बताया कि संबंध सुधर रहे हैं।
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उन्होंने इसकी तुलना अच्छे आदमी और शैतान के बीच मुलाकात से करते हुए कहा, “चीन अमेरिका की कर नीति में अचानक बदलाव के खिलाफ जवाबी कार्रवाई जारी रखेगा।”
बीजिंग: चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को कहा, “हाथी और ड्रैगन के बीच संतुलन तथा दोनों देशों द्वारा एक-दूसरे की सफलता में योगदान देना ही संबंधों को आगे बढ़ाने का एकमात्र तरीका है।” उन्होंने भारत और चीन के लिए क्रमशः ‘हाथी’ और ‘ड्रैगन’ प्रतीकों का प्रयोग किया। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वी लद्दाख में तनाव कम होने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध सकारात्मक हो रहे हैं। वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वांग ने कहा, “भारत और चीन दोनों की प्राचीन सभ्यताओं में निश्चित रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखकर सीमा विवादों का समाधान खोजने की क्षमता और बुद्धिमत्ता है।”
सीमा विवाद या कोई विशिष्ट मतभेद दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रभावित नहीं कर सकते। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कज़ान में हुई बैठक ने द्विपक्षीय संबंधों में आगे की प्रगति के लिए रणनीतिक दिशा प्रदान की। इसके बाद दोनों देशों ने साझा मुद्दों पर काम करके और सभी स्तरों पर सहयोग करके अपने संबंधों को मजबूत किया। दोनों देशों के लिए एक-दूसरे को कमतर समझने के बजाय सहयोग करना आवश्यक है। यह दोनों देशों के मौलिक हितों को संरक्षित करने का एकमात्र तरीका है।
अमेरिकी कर नीति की आलोचना
उन्होंने इसकी तुलना अच्छे आदमी और शैतान के बीच मुलाकात से करते हुए कहा, “चीन अमेरिका की कर नीति में अचानक बदलाव के खिलाफ जवाबी कार्रवाई जारी रखेगा।” वांग ने कहा, “एक ही समय में चीन पर दबाव डालना और अच्छे संबंध बनाए रखना संभव नहीं है।” किसी भी देश को ऐसी कल्पना नहीं करनी चाहिए। ऐसा दोहरापन द्विपक्षीय संबंधों और आपसी विश्वास के लिए अच्छा नहीं है। ट्रंप प्रशासन द्वारा अंतरराष्ट्रीय सहयोग को नज़रअंदाज़ करके सिर्फ़ अमेरिकी हितों पर ध्यान केंद्रित करने का ज़िक्र करते हुए वांग ने कहा, “अगर हर देश एक जैसा रुख़ अपनाएगा, तो दुनिया जंगल बन जाएगी।” छोटे और कमज़ोर देश सबसे पहले नष्ट हो जायेंगे। अंतर्राष्ट्रीय संतुलन बिगड़ जाएगा।
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