जिस अस्पताल में रतन टाटा ने ली अंतिम सांस अब TATA की झोली में आया मुंबई का वो मशहूर अस्पताल, ₹500 करोड़ का निवेश।
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नमक के लेकर हवाई जहाज बनाने वाली देश की कंपनी टाटा ( TATA) हेल्थकेयर सेक्टर में बड़ा निवेश करने जा रही है. टाटा समूह मुंबई के मशहूर ब्रीच कैंड हॉस्पिटल (Breach Candy Hospital) में बड़ा निवेश करने जा रही है.
नमक के लेकर हवाई जहाज बनाने वाली देश की कंपनी टाटा ( TATA) हेल्थकेयर सेक्टर में बड़ा निवेश करने जा रही है. टाटा समूह मुंबई के मशहूर ब्रीच कैंड हॉस्पिटल (Breach Candy Hospital) में बड़ा निवेश करने जा रही है. कंपनी साउथ मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में 500 करोड़ रुपये का निवेश करने की तैयारी में है.
टाटा ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में क्यों कर रही है निवेश ?
टाटा के पास खुद टाटा मेमोरियल अस्पताल है. मुंबई के नामी अस्पतालों में वो शामिल है. अब वो मुंबई के एक और हॉस्पिटल में निवेश करने जा रही है. दरअसल कंपनी हेल्थकेयर सेक्टर में अपनी पकड़ को मजबूत कर रही है. 1946 में बने इस मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल में टाटा के 500 करोड़ के निवेश के साथ ही वो सबसे बड़ा फाइनेंशियल पार्टनर बन जाएगा. टाटा के 500 करोड़ रुपये के इस निवेश से ब्रीच कैंडी अस्पताल के बुनियादी ढांचे और तकनीक को सुधारने में मदद मिलेगी.
निवेश से टाटा को क्या-क्या मिलेगा
ब्रीच कैंड अस्पताल में टाटा के 500 करोड़ के निवेश से वो हॉस्पिटल का सबसे बड़ा फाइनेंशियल पार्टनर बन जाएगा. इसके साथ ही टाटा को हॉस्पिटल के 14 मेंबर्स वाले मौजूदा बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में अपने तीन प्रतिनिधि नियुक्त करने का अधिकार मिलेगा. इसके साथ ही टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल ट्रस्ट के चेयरमैन बनेंगे. 1 अक्टूबर 2025 से वो दिग्गज बैंकर दीपक पारेख की जगह लेंगे.
क्या बदल जाएगा ब्रीच कैंडी अस्पताल का नाम
टाटा के 500 करोड़ रुपये के इस निवेश के बाद मन में सवाल उठ रहा था कि क्या ब्रीच कैंडी अस्पताल का नाम बदल जाएगा ? लेकिन ऐसा नहीं है. ब्रीच कैंडी अस्पताल का नाम वहीं रहेगा, लेकिन नाम में किसी रूप में टाटा ब्रांड को जोड़ा जाएगा. बता दें कि मुंबई में ये टाटा समूह का तीसरा अस्पताल होगा. इससे पहले टाटा का मुंबई के परेल में टाटा मेमोरियल सेंटर है, पिछले साल ही रतन टाटा के ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर उन्होंने महालक्ष्मी में एक पशु अस्पताल स्थापित किया था।
रतन टाटा के गहरा नाता
ब्रीच कैंडी अस्पताल रतन टाटा के काफी करीब रहा है. जब भी वो बीमार पड़ते थे वो इसी अस्पताल में आते थे. रतन टाटा का निधन भी मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में ही हुआ. सिर्फ रतन टाटा ही नहीं रिलायंस के फाउंडर धीरूभाई अंबानी ने भी इसी अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली. अमिताभ बच्चन से लेकर बॉलीवुड और बिजनेस जगत के दिग्गज इसी अस्पताल में अपना इलाज करवाते हैं. इसी अस्पताल में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की घुटने की सर्जरी हुई थी. 1946 में ब्रिटिश आर्किटेक्ट क्लाउड बैटली 25-बेड वाले नर्सिंग होम की शुरुआत की, जिसे बाद में ब्रीच कैंडी अस्पताल का नाम दिया गया. 1998 में भारत की पहली MRI फैसिलिटी शुरू करने वाले ब्रीच कैंडी अस्पताल में ही शुरू हुई.
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