महाराष्ट्र, दिल्ली फतह के बाद इन राज्यों पर BJP की नजर, PM मोदी बिहार के इस जिले से भरेंगे हुंकार।
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इस साल अक्टूबर महीने में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं. पीएम मोदी की नज़र सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि कई राज्यों पर टिकी हुई हैं. दिल्ली फतह करने के बाद मोदी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भागलपुर पहुंच रहे हैं, जहां वे सीएम नीतीश कुमार के साथ मंच साझा करेंगे.
दिल्ली की सत्ता पर करीब तीन दशक बाद बीजेपी ने शानदार वापसी की. लेकिन, पार्टी इस जीत की खुशी के साथ ही फिर से चुनावों की तैयारियों में जुट गई है. खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी तरह एक्टिव नजर आ रहे हैं. वे आगामी विधानसभा चुनावों में बिहार, असम व तमिलनाडु जैसे राज्यों पर फोकस कर रहे हैं.
बिहार में इसी साल अक्टूबर तक विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए भाजपा अभी से पूरी ताकत झोंक रही है. बिहार में अपनी पकड़ को और मजबूत करने के लिए पीएम मोदी 24 फरवरी को भागलपुर से चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे. इसे लेकर भागलपुर में तैयारियां जोरों पर हैं.
वहीं, असम और तमिलनाडु में चुनाव भले ही अगले साल हों, लेकिन पीएम मोदी अभी से कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते. भागलपुर में चुनावी रैली में शामिल होने के बाद पीएम मोदी 24 फरवरी को ही असम भी जाएंगे, जहां वे एक सभा को संबोधित करेंगे. इसके बाद 28 फरवरी को तमिलनाडु का दौरा करेंगे, जहां वे रामेश्वरम में पंबन पुल का उद्घाटन करेंगे, जो द्वीप शहर रामेश्वरम को तमिलनाडु से जोड़ेगा.
बिहार में नीतीश के साथ गठबंधन, असम में तीसरी बार वापसी का दबाव
हाल ही में खत्म हुए दिल्ली विधानसभा में भी खुद पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार का नेतृत्व किया था. ऐसे में माना जा रहा है कि पीएम मोदी ही आने वाले चुनावों में भी चेहरा होंगे. इसे लेकर बिहार और असम के बीजेपी नेताओं ने अपनी मजबूत पकड़ को बरकरार रखने के लिए पीएम मोदी के दौरे की मांग की थी.
बिहार में भाजपा का नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के साथ गठबंधन है और भागलपुर में पीएम मोदी और नीतीश कुमार एक साथ मंच साझा करेंगे. वहीं, असम में भाजपा बीते 10 सालों से सत्ता में है, इसलिए वहां पर तीसरी बार सरकार बनाने का दबाव रहेगा. साथ ही भाजपा को भागलपुर की कई सीटों पर कमजोर माना जाता है. ऐसे में यहां से पीएम मोदी का रैली करना अहम होगा.
भागलपुर में पीएम मोदी की योजनाएं
भागलपुर में पीएम मोदी किसान सम्मान निधि योजना की नई किस्त जारी करेंगे. साथ ही नई सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्थापना के कार्यक्रम में भी शामिल होंगे. इसके बाद असम में इनवेस्टमेंट समिट में हिस्सा लेंगे, जहां 3 लाख करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद है. भाजपा बिहार में किसी भी सीट को कमजोर नहीं दिखाना चाहती, इसलिए भागलपुर से चुनावी रैली शुरू करना रणनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है.
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