डॉ. प्रशांत बिर्ला: नेत्र विज्ञान में समर्पण और उत्कृष्टता की यात्रा
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2000 में, डॉ. बिर्ला ने नासिक में एक छोटे से क्लिनिक की स्थापना की, जिसका उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली नेत्र देखभाल प्रदान करना था। यह क्लिनिक समय के साथ विस्तारित हुआ, और 2005 में उन्होंने 5 बिस्तरों वाला एक अस्पताल स्थापित किया। उनका यह अस्पताल 2018 में 15 बिस्तरों वाले अत्याधुनिक अस्पताल में परिवर्तित हुआ, जिससे नासिक और आसपास के क्षेत्रों में नेत्र देखभाल के लिए एक उत्कृष्ट केंद्र बन गया।
डॉ. बिर्ला का समाज सेवा के प्रति भी गहरा समर्पण है। वह रोटरी क्लब और लॉयन्स क्लब के सक्रिय सदस्य हैं और हमेशा वंचित समुदायों के लिए निःशुल्क नेत्र जांच शिबिर, मोतियाबिंदु सर्जरी और चश्मा वितरण कार्यक्रम आयोजित करते रहते हैं। उनकी इन उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उन्हें 2024 में गोदा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
2016 में, डॉ. बिर्ला ने नासिक ऑप्थाल्मिक एसोसिएशन (NOA) के अध्यक्ष के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभाली और इस दौरान उन्होंने नेत्र विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल कीं। उन्होंने नेत्र कुंभ सम्मेलन का आयोजन किया, जिसने नेत्र विज्ञान विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर ज्ञान साझा करने का अवसर प्रदान किया। इसके अलावा, वह राष्ट्रीय सम्मेलनों में मोतियाबिंद सर्जरी और लेसिक (LASIK) पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत कर चुके हैं।
उनकी उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा देखभाल और सामुदायिक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता ने नासिक और उसके आसपास के क्षेत्रों में नेत्र विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। उनकी यह यात्रा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।


डॉ. बिर्ला को 24 जनवरी 2025 को “महाराष्ट्र उद्योगरत्न पुरस्कार” से सम्मानित किया गया, जो उन्हें मार्किट रिसर्च कंपनी Reseal.in द्वारा प्रदान किया गया। यह पुरस्कार उनकी समर्पित सेवा और उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया गया। हम उन्हें इस सम्मान के लिए हार्दिक बधाई देते हैं और उनके भविष्य के कार्यों के लिए शुभकामनाएँ देते हैं।


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