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    April 25, 2025

    19 साल की उम्र में शादी हुई, शिक्षा के लिए ससुर को छोड़ दिया; पढ़िए बिहार की पहली महिला आईपीएस अधिकारी की कहानी।

    1 min read
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    आज हम भारत की पांचवीं और बिहार की पहली महिला आईपीएस अधिकारी मंजरी जरूहर की सफलता की कहानी के बारे में जानेंगे।

    हर साल हजारों छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, लेकिन यूपीएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षा पास करना इतना आसान नहीं है। इसके लिए बहुत मेहनत और अध्ययन की आवश्यकता होती है। यूपीएससी जैसी परीक्षा पास करना एक बड़ी चुनौती है जब आपको किसी भी तरह का प्रोत्साहन नहीं मिलता है। आज हम ऐसी ही एक महिला के बारे में जानेंगे जिन्होंने न सिर्फ इस चुनौती का सामना किया बल्कि दुनिया के लिए एक मिसाल भी कायम की।

    आज हम भारत की पांचवीं और बिहार की पहली महिला आईपीएस अधिकारी मंजरी जरूहर की सफलता की कहानी के बारे में जानेंगे। महिला आईपीएस मंजरी जरूहर सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनकी कठिन जीवन यात्रा, दृढ़ संकल्प, दृढ़ता और हर समस्या का सामना करने का तरीका उनके संघर्ष की कहानी कहता है।

    मंजरी जरुहर का प्रारंभिक जीवन
    मंजरी जरुहर को महज 19 साल की उम्र में शादी के लिए मजबूर किया गया था। उस समय उनके पति आईएफएस अधिकारी थे। वे भी जीवन में सीखना चाहती थीं, आगे बढ़ना चाहती थीं, लेकिन एक समय ऐसा आया जब उन्होंने सोचा कि वे सिर्फ गृहिणी के रूप में ही अपना जीवन व्यतीत करेंगी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। जब उन्होंने जीवन में आगे बढ़ने के बारे में सोचा तो उन्हें एहसास हुआ कि उनके पति और ससुराल वाले उनकी शिक्षा और करियर के लिए सहायक नहीं थे। यह महसूस करते हुए कि घरेलू जिम्मेदारियों के कारण उनका करियर उपेक्षित हो रहा है, उन्होंने एक बड़ा जीवन-परिवर्तनकारी निर्णय लिया और अपने ससुराल वालों से दूरी बना ली। उन्होंने अपना पूरा ध्यान अपने लक्ष्य पर केंद्रित किया।

    शादी के बाद मंजरी जरुहर का करियर सफर
    उन्होंने पटना के महिला कॉलेज से अंग्रेजी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई की और अपने सपनों को साकार करने के लिए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने 1974 में पहली बार परीक्षा दी थी। वह प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में तो पास हो गई, लेकिन साक्षात्कार में असफल रही। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने फिर कड़ी मेहनत की और 1975 में यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की।

    यूपीएससी परीक्षा के लिए साक्षात्कार के दौरान बोर्ड के सदस्यों ने उनसे पूछा कि क्या वह मेयोनेज़ सॉस बना सकते हैं। आप सोच रहे होंगे कि उन्होंने ऐसा सवाल क्यों पूछा; क्योंकि उन्होंने फॉर्म पर लिखा था कि उन्हें खाना बनाना पसंद है। उस समय उन्होंने इस सवाल का जवाब देते हुए स्टेप-बाय-स्टेप रेसिपी बताई थी। उस समय भारत में कहीं भी मेयोनेज़ आसानी से उपलब्ध नहीं था। लेकिन, वह मंजरी के जवाब से प्रभावित हुए। इसके बाद उन्होंने कोई और प्रश्न नहीं पूछा।

    सेवानिवृत्ति के बाद मंजरी ने ‘मैडम सर’ नामक पुस्तक लिखी। इसमें उन्होंने एक आईपीएस अधिकारी के रूप में अपनी जीवन यात्रा, संघर्ष और अच्छे-बुरे अनुभवों का वर्णन किया है। मंजरी हर उस महिला के लिए प्रेरणा हैं जो जीवन में अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचना चाहती हैं। मंजरी ने साबित कर दिया है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत से जीवन में असंभव को भी हासिल किया जा सकता है।

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