अडानी का श्रीलंका से वापस लौटना।
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श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने बिजली बिल कम करने के उद्देश्य से परियोजना की शर्तों पर पुनः बातचीत शुरू कर दी है।
नई दिल्ली: उद्योगपति गौतम अडानी के स्वामित्व वाली अडानी ग्रीन एनर्जी ने गुरुवार को घोषणा की कि वह श्रीलंका में लगभग 1 बिलियन डॉलर के निवेश की पवन ऊर्जा परियोजना को रद्द कर रही है। कंपनी ने यह कदम वहां की नवनिर्वाचित सरकार द्वारा टैरिफ पुनर्गठन का निर्णय लेने के बाद उठाया। इस परियोजना से कुल 484 मेगावाट ऊर्जा उत्पन्न की जानी थी और उसे उपभोक्ताओं तक वितरित किया जाना था।
श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने बिजली बिल कम करने के उद्देश्य से परियोजना की शर्तों पर पुनः बातचीत शुरू कर दी है। इस संदर्भ में कंपनी ने एक बयान में कहा कि निदेशक मंडल ने श्रीलंका में दो अपरंपरागत ऊर्जा परियोजनाओं और एक वितरण परियोजना से हटने का फैसला किया है। “हमारे अधिकारियों ने हाल ही में कोलंबो में सीईबी (सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड) के अधिकारियों और मंत्रालय के साथ चर्चा की।” कहा गया कि इसके बाद बातचीत के लिए एक अन्य कैबिनेट-नियुक्त समिति और एक परियोजना समिति का गठन किया जाएगा। अडानी ग्रीन ने निवेश बोर्ड के चेयरमैन अर्जुन हेराथ को लिखे पत्र में कहा, “बोर्ड की बैठक में इस पहलू पर चर्चा की गई और हम श्रीलंका तथा उस देश के संप्रभु अधिकारों का सम्मान करते हुए सम्मानपूर्वक परियोजना से हट जाएंगे।” हालांकि, कोलंबो बंदरगाह पर टर्मिनल के निर्माण में अडानी समूह का 700 मिलियन डॉलर का निवेश जारी रहेगा।
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