ट्रेड वार के खौफ से शेयर बाजार में हाहाकार, 10 लाख करोड़ खाक; सेंसेक्स 1000 अंक टूटा।
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अमेरिका की तरफ से स्टील और एल्युमिनियम पर 25% आयात शुल्क लगाए जाने के बाद भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार को सेंसेक्स 1000 अंक से ज्यादा टूट गया. इस असर यह हुआ कि हर सेक्टर में बिकवाली देखी जा रही है.
भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार को लगातार पांचवे दिन गिरावट देखी जा रही है. कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स 1000 अंक से ज्यादा टूट गया. इसी तरह निफ्टी सूचकांक 300 अंक से ज्यादा की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है. शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट की वजह प्राइवेट बैंक और ऑटोमोबाइल सेक्टर समेत सभी सेक्टर के शेयर में कमजोरी देखी जा रही है. दोपहर के समय सेंसेक्स के सभी 30 शेयर गिरावट के साथ कारोबार करते देखे गए. इसके अलावा, ग्लोबल मार्केट में निगेटिव सेंटीमेंट का असर भारतीय बाजार में दिखा.
सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट
सेंसेक्स 1,054 अंकों की गिरावट के साथ 76,257.10 पर कारोबार करता देखा गया. इसी तरह निफ्टी 50 भी टूट गया और यह 331 अंक गिरकर 23,050 के लेवल पर आ गया. मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. निफ्टी मिडकैप 100 3% और निफ्टी स्मॉलकैप 100 4% तक टूट गए. मंगलवार के कारोबारी सत्र में बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 9.68 लाख करोड़ रुपये घटकर 408.88 लाख करोड़ रुपये रह गया.
बाजार में क्यों आ रही गिरावट?
बाजार में गिरावट का सबसे बड़ा कारण विदेशी निवेशकों की बिकवाली है. अमेरिकी बाजारों में अनिश्चितता के कारण विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों से लगातार पैसा निकाल रहे हैं. दरअसल, अमेरिका की तरफ से स्टील और एल्युमिनियम पर 25% आयात शुल्क लगाने से ट्रेड वार की आशंका बढ़ गई है. इसका असर सीधे तौर पर शेयर बाजार में देखा जा रहा है. इसके अलावा अमेरिकी डॉलर की मजबूती के कारण रुपया अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया.
किन शेयरों में सबसे ज्यादा असर?
पावर ग्रिड, जोमैटो, टाटा मोटर्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, और बजाज फिनसर्व में शुरुआती गिरावट दर्ज की गई. सेंसेक्स के 30 शेयर में से सबसे ज्यादा गिरावट जोमैटो के शेयर में 5 प्रतिशत की देखी गई. आयशन मोटसर्रू का शेयर करीब 7 प्रतिशत टूट गया क्योंकि इसके तिमाही नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे. हालांकि इस बीच Nykaa का शेयर 3% चढ़ गया क्योंकि कंपनी का नेट प्रॉफिट 61% बढ़कर 26.12 करोड़ रुपये हो गया.
इन सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा असर
शेयर बाजार में चल रही गिरावट के बीच निफ्टी ऑटो, मीडिया, फार्मा, पब्लिक सेक्टर बैंक, हेल्थ केयर और ऑयल एंड गैस सेक्टर में एक से लेकर डेड़ प्रतिशत तक की गिरावट देखी जा रही है. बाजार के जानकारों का कहना है कि लार्जकैप कंपनियों ने छोटी कंपनियों मिडकैप और स्मॉलकैप के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है.
आगे कैसा रहेगा बाजार?
च्वाइस ब्रोकिंग के इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट आकाश शाह ने कहा कि निफ्टी का रेजिस्टेंस 23,460 अंक पर है. यदि यह इस लेवल को पार कर जाता है तो निफ्टी चढ़कर 23,550 और 23,700 तक जा सकता है. अगर यह टूटता है, तो गिरकर 23,000 तक जा सकता है. इस बीच फेडरल रिजर्व (Fed) के चेयरमैन जेरोम पॉवेल को अमेरिकी सीनेट में दिये जाने वाले बयान का भी बाजार पर असर पड़ेगा. वह महंगाई और ब्याज दर को लेकर अपने विचार रखेंगे.
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