रक्षा मंत्री ने ‘एयरो इंडिया’ के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि, “अधिक से अधिक मजबूत बनना हमारे हित में है।”
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रक्षा मंत्री ने बेंगलुरू में ‘एयरो इंडिया’ प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। वे उस समय बात कर रहे थे।
बेंगलुरु: ‘सुरक्षा व्यवस्था को अप्रभावी रखकर कभी शांति प्राप्त नहीं की जा सकेगी।’ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा, “केवल मजबूत बनकर ही हम वैश्विक संतुलन के लिए काम कर पाएंगे।”
रक्षा मंत्री ने बेंगलुरू में ‘एयरो इंडिया’ प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। वे उस समय बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वैश्विक अस्थिरता के बावजूद भारत जैसा विशाल देश सदैव शांति और स्थिरता के पक्ष में रहा है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि निजी कंपनियां रक्षा क्षेत्र में बराबर की भागीदार बनें। राजनाथ सिंह ने कहा, “अलग-थलग रहकर राष्ट्रीय सुरक्षा या शांति हासिल नहीं की जा सकेगी।” सुरक्षा, स्थिरता और शांति का विचार सीमाओं से परे है। प्रदर्शनी में विदेशी कंपनियों की भागीदारी से पता चलता है कि वे भी हमारे ‘एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य’ के लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं। आज की अस्थिरता के समय में हम सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है।’
‘हमें बदलते समय में नए अवसरों पर ध्यान देना चाहिए’
“युद्ध की प्रकृति बहुत तेजी से बदल रही है।” नये समाधान अपनाने और निरंतर प्रगति करने की आवश्यकता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को उम्मीद जताई कि रक्षा निर्माताओं को नए क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। रक्षा विनिर्माण कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से आग्रह किया कि वे रक्षा निर्माताओं के लिए भारत में रक्षा क्षेत्र में अनुकूल औद्योगिक वातावरण का लाभ उठाएं।
इस बीच, नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के राजनयिक अधिकारी जॉर्ज एंड्रयू ने कहा, “रक्षा सहयोग भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना रहेगा।” उन्होंने एयरो इंडिया में अमेरिका के साथ साझेदारी मंडप का उद्घाटन किया। वे उस समय बात कर रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका के दौरे पर जाएंगे और गुरुवार को उनकी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मुलाकात होगी। इस पृष्ठभूमि में, एंड्रयू का बयान महत्वपूर्ण हो गया है।
देश का रक्षा उत्पादन रिकॉर्ड सवा लाख करोड़ रुपए का है और रक्षा निर्यात पहली बार 21 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। हम भविष्य में इसे और बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। – राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री
प्रशिक्षण विमान का नाम ‘यशस’ रखा गया
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने सोमवार को अपने प्रशिक्षण विमान ‘हिंदुस्तान जेट ट्रेनर – 36’ (एचजेटी-36) का नाम ‘यशस’ रखा। इस उन्नत प्रशिक्षक विमान में कई बदलाव किए गए हैं। नये नाम का अनावरण रक्षा उत्पादन विभाग के सचिव संजीव कुमार ने किया।
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