10 साल बाद फिर होने जा रहा बड़ा बदलाव, NCET की B.Ed वालों को गुड न्यूज!
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एक साल बी.एड और एम.एड प्रोग्राम को फिर से शुरू करने का मतलब यह नहीं है कि दो साल के प्रोग्राम को खत्म किया जा रहा है.
एक अहम नीतिगत बदलाव में, नेशनल काउंसिल ऑफर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) एक साल के बी.एड और एम.एड प्रोग्राम को दोबारा शुरू करने जा रहा है, जबकि लगभग एक दशक पहले इनकी अवधि को दोगुना करके दो साल किया गया था. नए मसौदा विनियमों का हिस्सा यह बदलाव 2026-27 से प्रभावी होगा, जो एक बार फिर एलिबिजिबल कैंडिडेट्स के लिए टीचिंग करियर के लिए शॉर्ट कट प्रदान करेगा.
हाल ही में एनसीटीई की आम सभा की बैठक में मसौदा विनियम 2025 को मंजूरी दी गई तथा फीडबैक प्राप्त करने के लिए इसे जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा. दशकों तक एक साल चलने वाले बी.एड. और एम.एड. प्रोग्राम को एनसीटीई (मान्यता मानदंड और प्रक्रिया) विनियमन के तहत 2014 में दो साल तक बढ़ा दिया गया था. 2015 में संसद में एक सवाल के जवाब में, तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि 2014 के विनियमनों के तहत बी.एड. प्रोग्राम को योग शिक्षा और लिंग अध्ययन समेत नए मॉड्यूल के साथ रिवाइज किया गया था, और 20 सप्ताह की इंटर्नशिप शुरू की गई थी.
संसद में दिए गए जवाब में कहा गया है, “इसकी क्वालिटी में सुधार करने के उद्देश्य से, बी.एड. प्रोग्राम की अवधि को और ज्यादा प्रोफेशनल और कठोर टीचर एजुकेशन प्रोग्राम बनाने के लिए बढ़ाया गया है.” टीचर एजुकेशन के लिए मानदंड निर्धारित करने वाले इन विनियमों में तब से संशोधन नहीं किया गया है.
हालांकि, एक साल बी.एड और एम.एड प्रोग्राम को फिर से शुरू करने का मतलब यह नहीं है कि दो साल के प्रोग्राम को खत्म किया जा रहा है. एनसीटीई के चेयरमैन पंकज अरोड़ा ने कहा कि एक साल एम.एड प्रोग्राम फुल टाइम होगा, जबकि दो साल शॉर्ट टर्म कोर्स उन लोगों के लिए ऑफर किया जाएगा जो शिक्षक और शिक्षा प्रशासक जैसे कामकाजी हैं.
मसौदा नियमों के मुताबिक, एक साल बी.एड. प्रोग्राम के लिए केवल वे ही पात्र होंगे जिन्होंने चार साल की ग्रेजुएट डिग्री या पोस्टग्रेजुएशन पूरा किया है. अरोड़ा ने कहा कि यह उन लोगों के लिए उपलब्ध नहीं होगा जिन्होंने तीन साल की ग्रेजुएशन की है और ऐसे स्टूडेंट्स के लिए दो साल बी.एड. प्रोग्राम जारी रहेगा.
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