‘क्रिकेटर सिर्फ बॉल को देखता है, स्टेडियम का शोर नहीं सुनता’.
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पीएम ने छात्रों से कहा कि मन में कोई बात ना रखें. अपनी बातें सबसे खुलकर करें. घर में सभी से बात करें. सब बच्चे ऐस ही बात करते हैं कि यार कल पढ़ा नहीं पाया. कल मूड ठीक नहीं था. अगर ऐसा बोलेंगे बार-बार तो मन स्थित कैसे रहेगा. जो कर रहे हैं उसी पर ध्यान दें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ‘परीक्षा पे चर्चा’ के आठवें एडिशन में दसवीं और बारहवीं के स्टूडेंट्स से बोर्ड एग्जाम्स को लेकर बातचीत की. उन्होंने बताया कि वो खुद को कैसे परीक्षा के दौरान तनाव से दूर रख सकते हैं. पीएम मोदी ने छात्रों को खाने से लेकर व्यवहार और विचार तक का ‘गुरु मंत्र’ दिया.
प्रधानमंत्री ने कहा, “नींद पूरी आती है या नहीं, इसका पोषण से बहुत लेना-देना होता है. शरीर की फिटनेस के लिए नींद बेहद जरूरी है. आपको कितने घंटे सोना है, यह बहुत जरूरी हो जाता है. जीवन में प्रगति हासिल करने के लिए नींद बेहद जरूरी है. इस बीच, प्रधानमंत्री ने छात्रों से यह भी सवाल किया कि आप में से कितने लोगों ने पेड़ के नीचे खड़े होकर गहरी सांस ली?”
संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने उनका डेली रूटीन भी पूछा. प्रधानमंत्री ने सहज अंदाज में छात्रों से सवाल किया, “आप में से कितने लोगों ने पानी पीते समय पानी का भी टेस्ट जानने का प्रयास किया?”
प्रधानमंत्री ने छात्रों को बताया कि आपको अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान रखना चाहिए. आपको पर्याप्त पानी पीना चाहिए. इसके अलावा, खाने-पीने का भी खास ध्यान रखना चाहिए. कितना खाना है, कब खाना है, कैसे खाना है, इन सभी बुनियादी बातों पर भी आपको विशेष ध्यान रखना चाहिए.
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने एक आम सा उदाहरण देकर एकाग्रता का पाठ पढ़ाया. पीएम मोदी ने छात्रों से कहा, “आप में से कितने लोग क्रिकेट देखते हैं? इस दौरान कभी कोई खिलाड़ी आउट होता है, तो कभी कोई सिक्सर लगाता है. ऐसी स्थिति में बैट्समैन अपना ध्यान ऑडियंस पर नहीं, बल्कि बॉल पर रखता है. इसी तरह से आपको भी ऑडियंस का प्रेशर नहीं लेना है. आपको खुद को हर स्थिति में चुनौती देते रहना है.”
केरल से आई एक छात्रा ने प्रधानमंत्री से कहा कि उसे हिंदी बहुत अच्छी लगती है. इस पर प्रधानमंत्री ने उससे पूछा कि चलिए, आप फिर एक कविता सुनाइए. छात्रा ने आगे प्रधानमंत्री से पूछा कि अगर हमारे परीक्षा में अच्छे अंक नहीं आए, तो हमारा फ्यूचर अच्छा नहीं होगा. इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमारे समाज में घुस गया है कि अगर हमारे अच्छे अंक नहीं आएंगे, तो हमारा फ्यूचर अच्छा नहीं होगा. इस पर हमारा भविष्य तबाह हो जाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इसे लेकर अपने माता-पिता को समझा तो नहीं सकते हैं, लेकिन इसके लिए हमें खुद को तैयार करना होगा.
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