21 साल पहले आई सुनामी के मलबे में एक लड़की मिली थी; एक आईएएस अधिकारी ने जो किया है उसे देखकर आपको गर्व होगा।
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तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी राधाकृष्णन ने एक बार फिर सभी को मानवता का पाठ पढ़ाया है। उन्होंने हाल ही में एक लड़की की शादी तय की जो 21 साल पहले सुनामी के मलबे में मिली थी।
2004 की सुनामी की यादें अभी भी कई लोगों के मन में ताज़ा हैं। इस सुनामी ने तमिलनाडु के कीचनकुप्पम में सब कुछ नष्ट कर दिया। उस समय नागपट्टिनम के जिला कलेक्टर डॉ. जे राधाकृष्णन को मलबे में मीना नाम की एक छोटी बच्ची मिली थी। बच्ची बहुत डरी हुई थी और रो रही थी। बचाए जाने के बाद बच्ची को नागपट्टिनम के अन्नाई सत्या सरकारी बाल गृह में रखा गया था। अब 21 साल बाद बच्ची बड़ी हो गई है और डॉ. जे राधाकृष्णन ने उसकी शादी तय कर दी है। उन्होंने यह दिल दहला देने वाली कहानी शेयर की है।
सुनामी के बाद नया जीवन
26 दिसंबर 2004 को हिंद महासागर में आई विनाशकारी सुनामी ने तमिलनाडु के नागपट्टनम जिले में व्यापक विनाश किया था। इसमें 6 हजार लोगों की जान चली गई। जब यह संकट आया, तो नागपट्टिनम के जिला कलेक्टर डॉ. जे। राधाकृष्णन को मलबे के पास एक छोटी लड़की रोती हुई मिली। लड़की का नाम मीना था और बाद में उसे अन्नाई सत्या सरकारी बाल गृह में रखा गया। हालाँकि, डॉ. राधाकृष्णन और उनकी पत्नी कृतिका ने मीना की देखभाल जारी रखी और उसे कभी अकेला महसूस नहीं होने दिया।
आईएएस अधिकारी ने सबके लिए पेश की मिसाल
मीना ने कड़ी मेहनत से पढ़ाई की और नर्स बन गयी। डॉ. राधाकृष्णन उनकी पूरी यात्रा में हमेशा उनके साथ खड़े रहे। अन्यत्र तबादला होने के बाद भी उन्होंने मीना की शिक्षा और भविष्य की उपेक्षा किए बिना उसकी मदद जारी रखी। जब मीना की शादी का समय आया तो उसे डॉ. राधाकृष्णन की याद आई, जो उसके जीवन के इस महत्वपूर्ण और नाजुक क्षण में उसके लिए पिता तुल्य थे। यह बात समझ में आने पर आईएएस अधिकारी स्वयं शादी में पहुंचे और उन्होंने स्वयं ही शादी संपन्न कराने का निर्णय लिया।
इंस्टाग्राम पर भावनात्मक पोस्ट
डॉ. राधाकृष्णन ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में मीना की शादी की तस्वीरें और बचपन की कुछ यादें साझा कीं। उन्होंने लिखा, “नागापट्टिनम में एक दिल को छू लेने वाला पुनर्मिलन। मीना और मणिमारन की शादी का हिस्सा बनकर खुशी हुई। सुनामी के बाद नागापट्टिनम के बच्चों के साथ हमारा सफ़र हमेशा उम्मीदों से भरा रहा है। उन्हें बढ़ते, पढ़ते, स्नातक होते और अब सुंदर जीवन बनाते देखना मेरी आँखों में खुशी के आँसू ला देता है।”
इस पोस्ट ने नेटिज़न्स का दिल जीत लिया है। कई लोगों ने उनकी मानवता को सलाम किया है। एक यूजर ने लिखा, “बहुत प्रेरणादायक सर। आपके समर्थन और समर्पण को शब्दों में बयां करना मुश्किल है। आपको सलाम।” वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा, “आपने न केवल एक प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर बल्कि एक पिता के तौर पर भी बच्चों का ख्याल रखा। यह बहुत सराहनीय है।”
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