अमेरिका ने प्लेन में भरकर देश से निकाला, पर भारतीयों की प्रॉपर्टी का क्या होगा?
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अमेरिका ने अवैध अप्रवासियों की डिपोर्टेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस संबंध में अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका अपनी सीमा की सुरक्षा को लेकर सख्त है, आव्रजन कानूनों को सख्त कर रहा है और अवैध प्रवासियों को हटा रहा है.
US Deportation: अमेरिका ने डिपोर्टेशन का आगाज कर दिया है. डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के लिए अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के करीब दो सप्ताह बाद अवैध भारतीय नागरिकों को निर्वासित करने का पहला दौर शुरू हुआ है. ट्रंप ने अमेरिका में रहने वाले अवैध प्रवासियों से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने का वादा किया है और वह पहले ही इमीग्रेशन से संबंधित कई शासकीय आदेशों पर हस्ताक्षर कर चुके हैं. अब ऐसे में सवाल उठता है कि जिन लोगों को अमेरिका से निकाला जा रहा है आखिर उनकी प्रॉपर्टी का क्या होगा?
संपत्ति को लेकर परेशान हैं लोग
जैसे-जैसे डिपोर्टेशन का खौफ बढ़ रहा है, स्थानीय प्रवासी समुदायों में चिंता भी गहरी होती जा रही है. लोग इस बात को लेकर फिक्रमंद हैं कि अगर उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो उनकी संपत्ति, वित्तीय संसाधन और अन्य कीमती सामानों का क्या होगा. सैन डिएगो की रहने वाली लिज़ेट अपने घर की तरफ इशारा करते हुए कहती हैं,’मैंने अपनी पूरी जिंदगी जीवन यहीं बिताई है, यह मेरा शहर, मेरा घर है.
हर साल टैक्स भरती हूं फिर भी…
बात करते हुए लिज़ेट ने बताया कि वह एक किशोरी के रूप में अवैध प्रवासी के तौर पर यहां आई थीं और अब 30 साल से ज्यादा समय के बाद, वह अपने ज़रिए हासिल की गई उपलब्धियों पर गर्व महसूस करती हैं. मैंने हाई स्कूल पूरा किया, फिर सिटी कॉलेज गई, जहां से मैंने कॉस्मेटोलॉजी में डिग्री हासिल की. लिज़ेट ने कहा,’मैं हफ्ते में छह दिन काम करती हूं और एक अच्छे नागरिक की तरह हर साल अपने टैक्स भरती हूं.’
‘सिर्फ दुआ करना काफी नहीं’
वह अपने परिवार के साथ ‘बारियो लोगान’ में रहती हैं. हालांकि जिन प्रवासियों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है उन्हें तुरंत निर्वासित नहीं किया जा रहा लेकिन लिज़ेट इस संभावना को लेकर पहले से ज्यादा चिंतित रहने लगी हैं. उन्होंने आगे कहा कि मैं हर दिन प्रार्थना करती हूं और सकारात्मक सोचती हूं कि कुछ भी बुरा न हो. हालांकि लिजेट का डर है कि प्रार्थना करना काफी नहीं होगा. वह हर हालत के लिए पहले से तैयार रहना चाहती हैं ताकि निर्वासन की हालत में भी उनकी संपत्ति और वित्तीय सुरक्षा बनी रहे.
क्या बोले उपभोक्ता अधिकारों के वकील
NBC की रिपोर्ट के मुताबिक इस संबंध में बात करते हुए उपभोक्ता अधिकारों के वकील ऑक्टावियो कार्डोना-लोया ने कहा कि आपको अपनी वित्तीय स्थिति को व्यवस्थित करना होगा. उन्होंने बताया कि प्रवासियों को अपने बैंक की नीतियों की जानकारी होनी चाहिए, खासकर विदेशी खाताधारकों को लेकर उनकी क्या प्रक्रिया है. कुछ वित्तीय संस्थान आपके खाते को बंद कर सकते हैं यदि उन्हें पता चले कि आप अपने खाते की जानकारी विदेशी पते में बदलने की कोशिश कर रहे हैं.
जब्त हो सकता है घर
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अवैध प्रवासियों को अपनी संपत्ति बचाने के लिए पर्याप्त धन बचाना चाहिए, ताकि वे अपने बंधक (मॉर्टगेज) भुगतान, HOA फीस और संपत्ति टैक्स भर सकें जब तक कि वे अपने घर को बेचने या किराए पर देने का कोई उपाय न कर लें. उन्होंने कहा कि अगर भुगतान में देरी हुई तो आपकी संपत्ति पर लियन (बकाया कर्ज) लग सकता है और हालत यहां तक पहुंच सकती है कि घर जब्त कर लिया जाए.
पॉवर ऑफ अटॉर्नी पर करना चाहिए विचार
इसके अलावा उन्होंने कार भुगतान को भी यहा हाल हो सकता है, खासकर अगर आप लोन चुका रहे हैं. निर्वासन की हालत में प्रवासियों को किसी भरोसेमंद व्यक्ति को वित्तीय पावर ऑफ अटॉर्नी देने पर विचार करना चाहिए, ताकि वह उनके वित्तीय मामलों को संभाल सके. वित्तीय पावर ऑफ अटॉर्नी रखने वाले व्यक्ति को पूरी वित्तीय शक्ति मिल जाती है. वे पैसे निकाल सकते हैं, लोन ले सकते हैं और कानूनी अनुबंधों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं.
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