इंटरनेशनल डे ऑफ एजुकेशन 24 जनवरी को क्यों मनाया जाता है?
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International Day of Education 2025: इस साल यह सातवीं बार मनाया जा रहा है, 2018 से अब तक 59 सदस्य देशों ने इस दिवस को मनाने का फैसला लिया है.
हर साल, दुनिया शांति और विकास सुनिश्चित करने में शिक्षा के महत्व को मार्क करने के लिए इंटरनेशल डे ऑफ एजुकेशन मनाती है. यह संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) थी जिसने “सभी के लिए समावेशी, न्यायसंगत और क्वालिटी एजुकेशन के लिए ट्रांस्फोर्मेटिव एक्शन्स का सपोर्ट करने के लिए अटूट राजनीतिक इच्छाशक्ति को प्रदर्शित करने के लिए इस दिन को मार्क करने का फैसला लिया.”
इंटरनेशल डे ऑफ एजुकेशन हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है. इस साल यह सातवां साल है, जिसका थीम है ‘एआई और एजुकेशन: ऑटोमेशन की दुनिया में ह्यूमन एजेंसी का संरक्षण’.
2018 से अब तक 59 सदस्य देशों ने इस दिवस को मनाने का फैसला लिया है. 3 दिसंबर, 2018 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसके लिए प्रस्ताव पारित किया गया था. इस प्रस्ताव के बाद 24 जनवरी, 2019 को पहला इंटरनेशल डे ऑफ एजुकेशन मनाया गया.
एआई और एजुकेशन: सब्जेक्ट को समझना
इस थीम को शिक्षा और भविष्य के वर्कफोर्स पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और ऑटोमेशन के बढ़ते प्रभाव को उजागर करने के लिए चुना गया था. जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी तेजी से डिवेलप हो रही है, एआई और ऑटोमेशन इंडस्ट्री, इकोनॉमी और लोगों के रहने और काम करने के तरीके को बदल रहे हैं.
एजुकेशन में एआई और ऑटोमेशन टेक्नोलॉजी का इंटीग्रेशन सीखने के एक्सपीरिएंस को बढ़ाने, टीचिंग मैथड में सुधार करने और पर्सनलाइज्ड एजुकेशनल पाथवे प्रदान करने के खास मौके प्रदान करता है.
एआई-ड्रिवन डिवाइसेज स्टूडेंट्स की अनूठी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं, जिससे सीखना ज़्यादा इंटरेस्टिंग और इफेक्टिव हो जाता है. इसके अलावा, ऑटोमेशन एडमिनिस्ट्रेटिव वर्क्स को आसान बनाता है, जिससे टीचिंग को इंटरैक्टिव और सार्थक स्टडेंट जुड़ाव के लिए ज़्यादा समय देने की सुविधा मिलती है.
इस बीच, भारत 11 नवंबर को नेशनल एजुकेशन डे मनाता है , जो भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के मौके पर मनाया जाता है. उन्होंने महिलाओं की एजुकेशन की पुरजोर वकालत की थी.
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